मोदी राज में एक फ़िल्मी गाना फिट बैठता है,”महंगाई डायन खाए जात है”। डीजल-पेट्रोल के लगातार बढ़ते दामों ने तो जनता को परेशान कर ही रखा था, अब बाज़ार में सब्ज़ियां भी पहले के मुकाबले 200% तक महंगी हो गई हैं।
सब्ज़ियों के तेज़ी से बढ़ते दाम के कारण आम जनता की जेब पर गहरी चोट पड़ी है। बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग हर तरह की सब्ज़ी का रिटेल प्राइज 25-200% तक बढ़ गया है।
व्यापारियों का कहना है कि दाम बढ़ने की वजह फसलों का खराब होना है। कुछ लोगों का तो ये भी कहना है कि डीज़ल के दाम बढ़ने के कारण ही सब्ज़ियों के दाम भी बढ़े हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ‘ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट’ भी बढ़ गई है।
जून महीने में टमाटर का दाम 20-30 रुपए/किलो था। अब ये बढ़कर 60-80 रुपए/किलो हो गया है। खीरे का दाम 20 से बढ़कर 50 रुपए हो गया है। इसी तरह आलू, प्याज़, शिमलामिर्च और बैंगन के दामों में भी वृद्धि आई है।
आर्थिक मंदी, कोरोना काल और बेरोज़गारी के इस दौर में महंगाई ने और मुशिकलें बढ़ा दी हैं। सरकार भी इन सबसे लड़ने में असमर्थ नज़र आ रही है।