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पिछले दिनों पाकिस्तान से एक गणेश मंदिर तो कुछ उपद्रवियों द्वारा तोड़े जाने की घटना सामने आई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई शुरु कर दी.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान में इस तरह की घटनाएं मेरी सरकार में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. इमरान खान अपने बयान पर कायम रहें.
पाकिस्तान शासन ने मंदिर तोड़ने की घटना को गंभीरता से लिया. पाकिस्तान पुलिस ने मंदिर तोड़ने की घटना के 50 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
वहीं भारत में रविवार को देश की राजधानी दिल्ली में संसद और पीएम मोदी के आवास से कुछ ही दूर जंतर मंतर पर मुसलमानों के खिलाफ भड़काउ नारे सार्वजनिक रुप से लगाए गए. ऐलान किया गया कि भारत में अगर रहना होगा तो जय श्री राम कहना होगा.
फिल्म मेकर विनोद कापड़ी ने पाकिस्तान और भारत में हुई इस घटना पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए ट्वीटर पर लिखा है कि
‘ये जो घटना पाकिस्तान में हुई है, इसकी पूरी जानकारी पीएम नरेंद्र मोदी को होगी और जो घटना देश की राजधानी दिल्ली में हुई है, उसकी तो आपको खबर भी नहीं होगी.’
इसके पहले जब नफरती गैंग के सदस्यों ने जंतर मंतर पर भड़काउ नारेबाजी की थी तब उस वक्त विनोद कापड़ी ने कहा था कि देश की राजधानी दिल्ली को एक बार फिर से दंगों की आंग में झोंकने की साजिश हो रही है.
कापड़ी ने कहा था कि दिल्ली के संसद मार्ग थाने के पास मुसलमानों के नरसंहार के जहरीले नारे लगाए गए.
सबसे खतरनाक बात तो यह है कि पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की और मीडिया भी हमेशा की तरह चुप है.
बताते चलें कि जिस कार्यक्रम में ऐसे भड़काउ नारे लगाए गए, वह भाजपा के प्रवक्ता रहे और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में किया जा रहा था.
इस कार्यक्रम को भारत जोड़ो आंदोलन नाम दिया गया था. उपाध्याय के साथ इस कार्यक्रम की वीडियो में मोदी भक्त के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले अभिनेता गजेंद्र चौहान मौजूद थें.
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने तो दो टूक लहजे में कह दिया कि जरा सोच कर देखिए…. अगर इस कार्यक्रम का आयोजक कोई मुसलमान होता और वह किसी विपक्षी दल का प्रवक्ता होता और कार्यक्रम में हिंदूओं के विरोध में नारा लगता तो देश में कैसी प्रतिक्रिया होती !
जिस देश में संसद और पीएम आवास के करीब एक मजहब विशेष के खिलाफ ऐसी नारेबाजी की घटनाएं होती हो, उस देश में किस प्रकार का सांप्रदायिक माहौल पनपता जा रहा है, उसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है.