बिलकिस बानो केस के दोषी रिहाई के बाद गवाहों को धमकाने लगे हैं. सीजेआई यूयू ललित को लिखे ख़त में बिलकिस बानो केस में गवाह ने अपनी जान को ख़तरा बताया है. गवाह ने कहा है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है.
15 अगस्त को 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के दोषियों को गुजरात सरकार ने जेल से रिहा कर दिया था.
बिलकिस बानो केस के गवाह इम्तियाज़ घांची गुजरात के सींधवड गांव के रहने वाले हैं और अभी देवगढ़ बरिया में रहते हैं. 19 सितंबर को लिखे पत्र में उन्होंने कहाकि वह 15 अगस्त को सींधवड से देवगढ़ बरिया लौट रहे थे. तभी राधेश्याम शाह ने उन्हें पिपलोद रेलवे बैरिकेट पर देखा.
इम्तियाज़ ने कहाकि शाह ने उन्हें इशारा किया और कहा कि–आपको क्या मिला मुझे आरोपी कहकर, मैं अब बाहर हूं. इसके बाद वो वहां से चला गया.
इम्तियाज़ ने सीजेआई को लिखे पत्र में कहा है कि उनकी जान को ख़तरा है और दोषियों के खिलाफ़ ज़रूरी कार्रवाई की जाए.
बिलकिस बानो केस में मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत के सामने एक मुकदमे के दौरान इम्तियाज़ ने बताया था कि उसने एक आरोपी नरेश को देखा था. साथ एक अन्य आरोपी प्रदीप मोढिया को भी देखा था, जो पथराव कर रहा था.
15 अगस्त को बिलकिस बानो केस के सभी 11 दोषियों की सज़ा माफ़ कर उन्हे रिहा कर दिया था. जिसके बाद गुजरात सरकार और केंद्र सरकार की जमकर आलोचना हुई थी.
विपक्षी पार्टियों समेत मानवाधिकार के लिए काम करने वाले संगठनों ने भी इस फ़ैसले के आलोचना की थी. खुद बीजेपी नेताओं ने बिलकिस के दोषियों की रिहाई को गलत बताया था.