भारत में इस वक्त इजरायल द्वारा निर्मित स्पाइवेयर के जरिए नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करवाए जाने के मामले में मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है।

मॉनसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरा जा रहा है।

इजरायली कंपनी द्वारा बनाए गए इस स्पाइवेयर को कई देशों की सरकारों को बेचा गया है।

विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि भारत के नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी सरकार की नाक के नीचे की गई है। अगर सरकार इन आरोपों को बेबुनियाद भी बताती है। तब भी यह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है।

बताया जाता है कि साल 2019 में फेसबुक के कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने पेगासस को एक बड़ा खतरा बताया था। जिसके चलते उन्होंने कंपनी पर केस भी दर्ज किया था।

इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने ईवीएम का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि “अगर पेगासस के जरिए स्मार्टफोंस के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। तो EVM के साथ ही हो सकती है। हमें जल्द से जल्द पेपर पर शिफ्ट कर जाना चाहिए।”

गौरतलब है कि केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के आने के बाद से कई बार ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया जा चुका है।

विपक्षी दलों द्वारा भाजपा पर आरोप लगाए जा चुके हैं कि कई राज्यों में उन्होंने ईवीएम टेंपरिंग कर चुनाव जीता है।

बता दें, इस मामले में भाजपा हमेशा सफाई देती आई है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता।

टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा से पहले भी कई बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना नेता संजय राउत और ममता बनर्जी बैलट पेपर के जरिए चुनाव करवाने की मांग कर चुके हैं।

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