
UP- उत्तर प्रदेश सरकार भले ही मिशन शक्ति के नाम पर नारी सशक्तिकरण के तमाम दावे कर रही हो लेकिन महिलाओं पर अत्याचार की चारों तरफ से आ रही खबरों से वास्तविकता की पोल खुलती नजर आती है। उत्तर प्रदेश में अपराधी किस तरह से बेखौफ घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बुलंदशहर bulandshahr में एक ही दिन के अंदर बेटियों से दरिंदगी के दो खौफनाक मामले सामने आए हैं।
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एक तरफ जहां गैंगरेप के बाद लड़की की हत्या कर दी गई वहीं दूसरी तरफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने पर लड़की को जिंदा जला दिया गया।
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पहले मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार रोहिणी सिंह लिखती हैं- बलात्कारी का नाम कमरूद्दीन था, अपने दो साथियों के साथ उसने बुलंदशहर की बेटी का बलात्कार किया। और पुलिस ने बिना जाँच किए केस बंद कर दिया।
दुष्कर्म को साबित करने के लिए बेटी को आत्महत्या करनी पड़ी। उसका लिखा सुसाइड लेटर पढ़िए, रीढ़विहीन दिल्ली मीडिया क्या योगी जी से सवाल कर सकेगा?
बलात्कारी का नाम कमरूद्दीन था, अपने दो साथियों के साथ उसने बुलंदशहर की बेटी का बलात्कार किया। और पुलिस ने बिना जाँच किए केस बंद कर दिया।
दुष्कर्म को साबित करने के लिए बेटी को आत्महत्या करनी पड़ी। उसका लिखा सुसाइड लेटर पढ़िए, रीढ़विहीन दिल्ली मीडिया क्या योगी जी से सवाल कर सकेगा? pic.twitter.com/GXMvwQ0uaa
— Rohini Singh (@rohini_sgh) November 17, 2020
दूसरी तरफ यौन उत्पीड़न के विरोध में केस दर्ज करने पर लड़की को जलाए जाने की घटना पर भी प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार रोहिणी सिंह लिखती हैं- उत्तरप्रदेश का एक जिला है ‘बुलंदशहर’, 24 घंटे में दो बेटियों की दर्दनाक मौत हो गयी।
दोनों बलात्कार पीड़िता थी, एक पर समझौते के लिए आरोपियों ने लगातार दबाव बनाया।
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और दूसरे में पुलिस ने रेप की घटना को ‘फर्जी’ बताते हुए केस ही बंद कर दिया।
ये आत्महत्या नहीं ‘प्रशासनिक हत्या’ है।
उत्तरप्रदेश का एक जिला है ‘बुलंदशहर’, 24 घंटे में दो बेटियों की दर्दनाक मौत हो गयी।
दोनों बलात्कार पीड़िता थी, एक पर समझौते के लिए आरोपियों ने लगातार दबाव बनाया
और दूसरे में पुलिस ने रेप की घटना को ‘फर्जी’ बताते हुए केस ही बंद कर दिया।
ये आत्महत्या नहीं ‘प्रशासनिक हत्या’ है।
— Rohini Singh (@rohini_sgh) November 17, 2020
योगी सरकार में पुलिस प्रशासन पर सवाल उठना तब लाजिम हो जाता है जब एक ही जिले के अंदर कुछ ही घंटों में दो अपना घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा हो। कानून व्यवस्था को ध्वस्त माना जा सकता है, जब इस तरह से बेटियों पर अत्याचार हो रहा हो।
हालांकि अपनी उपलब्धियों के प्रचार प्रसार में व्यस्त इस सरकार को अपनी कमियों पर अमल करने का एहसास दिलाने के लिए जैसी मीडिया की जरूरत है, उसकी उपस्थिति भी उत्तर प्रदेश में दिखाई नहीं देती है।