जेएनयू में कल रात हुए हमले में घायल छात्रों की संख्या बढ़ते जा रही है। देश के इतने बड़े संस्थान में कल शाम नक़ाबपोश हमलावर 50-60 की संख्या में जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर अचानक हमला कर दिया। हमलावरों ने छात्रों पर लाठी-डंडे और लोहे के रॉड से जानलेवा हमला किया गया। वहीं जेएनयू के छात्रों का आरोप बीजेपी के छात्र विंग एबीवीपी और उनके द्वारा बाहर से बुलाये गुंडों पर है।
दरअसल हथियारों से लैस ये गुंडे जिनके चेहरे पर मास्क लगे हुए थे। जेएनयू परिसर में गार्ड और सिक्योरिटी के सामने घुस गए और कईं घंटों तक छात्रों को उनके हॉस्टल में घुसकर पीटते रहे।
बता दें की ये नक़ाबपोश गुंडों ने साबरमती हॉस्टल सहित कई हॉस्टल में जमकर तोड़फोड़ की और छात्रों को पीटा। इस हमले में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष को भी बहुत बर्बरता से पीटा गया। इस हमले में सभी घायल छात्रों का इलाज दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल चल रहा है।
जेएनयू में छात्रों पर हुए इस हमले के बाद दिल्ली पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। पत्रकार विनोद कापड़ी ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस से सवाल किया और पूछा- ”26 घंटे , 30 घायल अब तक एक भी गिरफ़्तारी नहीं, मतलब एक भी गिरफ़्तारी नहीं, अब भी कुछ कहना सुनना बाक़ी रह गया कि नक़ाबपोश आतंकी कौन थे ? और दिल्ली पुलिस किसके कहने पर किसे बचा रही है” ?
26 घंटे , 30 घायल
अब तक एक भी गिरफ़्तारी नहीं
मतलब एक भी गिरफ़्तारी नहीं
अब भी कुछ कहना सुनना बाक़ी रह गया कि
नक़ाबपोश आतंकी कौन थे ?
और
दिल्ली पुलिस किसके कहने पर किसे बचा रही है ?— Vinod Kapri (@vinodkapri) January 6, 2020
दरअसल छात्रों के ऊपर इस तरह से हमला हुआ है जैसे यह सब पहले से सुनियोजित था। जेएनयू परिसर में जब गुंडे छात्रों को पीट रहे थें। उस दौरान पुलिसकर्मी छात्रों को बचाने के लिए आगे नहीं आए। जेएनयू के छात्रों ने आरोप लगाया है कि साबरमती टी-प्वाइंट के पास जब नकाबपोशों ने हमला किया, तब वहां दिल्ली पुलिस के जवान मौजूद थे। मगर दिल्ली पुलिस छात्रों को बचाने नहीं आयी ।