मोदी सरकार में देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों पर लगातार हमले हो रहे हैं। कल रविवार रात दिल्ली के जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के ऊपर जानलेवा हमला हुआ है। जिसमे छात्र और शिक्षक बुरी तरह घायल हो चुके है। बता दें की कल शाम लगभग 50 से ज्यादा की संख्या में नक़ाबपोश बदमाश जेएनयू कैंपस में घुसकर धारदार हथियारों से छात्रों के ऊपर हमले किये और तोड़फोड़ मचाया है।
रविवार देर शाम जेएनयू परिसर के अंदर लाठी-डंडों और लोहे की रोड से लेस नक़ाबपोश बदमाश पेरियार और साबरमती हॉस्टल में घुसे और छात्रों पर अचानक हमला करना शुरू कर दिया।
हमलावरों ने छात्रों के ऊपर जानलेवा हथियारों से हमला किया है। जेएनयू के परिसर के अंदर हुए इस बर्बर हमले को लेकर दिल्ली पुलिस पर भी आरोप लग रहे हैं। जेएनयू में हुए इस हमले के बाद लोग दिल्ली पुलिस की सोशल मीडिया पर जमकर आचोचनाएँ कर रहे हैं।
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पत्रकार विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा- जब पीटना था , तब कैम्पस में घुसे। जब पिटने देना था , तब कैम्पस में नहीं घुसे।ये देश की राजधानी की पुलिस है : एक और नया संगठित सरकारी आतंकी गिरोह।
जब पीटना था , तब कैम्पस में घुसे। जब पिटने देना था , तब कैम्पस में नहीं घुसे।ये देश की राजधानी की पुलिस है : एक और नया संगठित सरकारी आतंकी गिरोह।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) January 6, 2020
दरअसल पूरे जेएनयू में हुए इस हमले के दौरान पुलिसकर्मी छात्रों को बचाने के लिए कैंपस के अंदर उन गुंडों को रोकने आगे नहीं आए। जेएनयू के घायल छात्रों ने आरोप लगाया है कि साबरमती के पास जब नकाबपोश गुंडों ने हमला करना शुरू किया। तब पुलिसकर्मियों ने छात्रों को बचाने की कोई कोशिश नहीं की।
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जब गुंडों द्वारा दिल्ली पुलिस के सामने ही छात्रों और शिक्षकों को पीटा जा रहा था। उस वक़्त दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इस पुरे हमले को लेकर जेएनयू के छात्रों ने बीजेपी के छात्र विंग एबीवीपी और दिल्ली पुलिस द्वारा सुनियोजित हमला बताया बताया है।
क्यूंकि जब नक़ाबपोश गुंडे जेएनयू परिसर के अंदर छात्र-छात्राओं को बड़ी तरह पीट रहे थें उस वक़्त दिल्ली पुलिस युनिवर्सिटी के मेन गेट पर घंटों खड़ी रही। यहां तक की इन पुलिस वालों के सामने से नकाबपोश गुंडे अपने हथियार लहराते हुए कैंपस से बाहर निकल रहे थे।