रविवार शाम को जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के कैंपस में दर्जनों नकाबपोश लोहे की रॉड, डंडे से लैस गुंडे-बदमाश घुस गए और कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर धावा बोल दिया। बताया जा रहा है कि ये गुंडे बीजेपी की छात्रा इकाई एबीवीपी के हैं जो कैंपस के बाहर से भी आये थे। हमके के समय गुंडे अपना मुँह ढंके हुए थे।
फ़िल्म पिंक और गाली बॉय में दमदार एक्टिंग करने वाले अभिनेता विजय वर्मा ने ट्वीट करके बीजेपी पर तीखा हमला किया। विजय ने लिखा कि, “मंदिर बना रहे हैं राम का, हरकतें सारी रावण की।”
Mandir bana rahe hai Ram ka.. harkatein saari Raavan ki. #fuckfascistbjp
— Vijay Varma (@MrVijayVarma) January 5, 2020
बता दें कि हमले के दौरान जेएनयू के मेन गेट की स्ट्रीट लाइटें बंद कर दी गई थीं। रात के अंधेरे में दर्जनों गुंडों ने कथित सबसे सुरक्षित राजधानी दिल्ली में तांडव मचाया। इसमें बॉलीवुड के बड़े अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने जेएनयू को अपना समर्थन देते हुए चिंता जताई है। रितेश देशमुख, दिया मिर्ज़ा, तापसी पन्नू, कृति सैनन, ऋचा चड्ढा, मनोज बाजपेयी, आयुष खुराना समेत अन्य लोगों ने जेएनयू के समर्थन में अपनी बात रखी है।
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जिस समय गुंडे विश्वविद्यालय में हमला कर रहे थे उस समय इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद कर दी गई थी जिससे की कुछ दिखाई ना दे। ये गुंडे दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में जेएनयू कैंपस में घुसे और करीब 20 छात्रों को लहूलुहान कर दिया, जिससे ये जान पड़ता है कि ये एक प्रायोजित हमला था।
जिस समय छात्रों पर हमला हुआ उस समय छात्र हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। हमले में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को बुरी तरह से मारा गया है जिसमें उनका सिर फट गया है। बदमाशों में जेएनयू में घुसकर सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। हमलावरों के कई वीडियो और फोटोज सामने आए हैं, जिसमें वो हाथों में हॉकी, डंडे और लोहे की रॉड लिए घूम रहे हैं।
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उन्होंने इन्हीं हथियारों ने छात्रों और प्रोफोसर्स पर जानलेवा हमला किया। कैंपस में तोड़ फोड़ करते नजर आ रहे हैं। जेएनयू छात्रसंघ ने इसके लिए बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी को जिम्मेदार बताया है।
बता दें कि मोदी सरकार आने के बाद जेएनयू दक्षिणपंथी लोगों और संगठनों के निशाने पर पहले से ही था। क्योंकि विश्वविद्यालय के छात्र मोदी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हैं, जो सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गई थी। जेएनयू के छात्र मोदी सरकार पर ये भी आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार जेएनयू समेत उन सभी विश्विद्यालयों को बर्बाद करना चाहती है जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं।