CAA के विरोध में जामिया में प्रदर्शन चल रहा है। छात्र-छात्राएं लगभग 50 दिन से धरने पर बैठे हैं। छात्रों पर 15 दिसम्बर की रात लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस द्वारा हमला किया गया था। इसके बाद से छात्र छात्राएं यूनिवर्सिटी के गेट नम्बर 7 के बाहर धरने पर बैठे हैं।
इसी बीच छात्रों पर गोली चलाने की दो वारदात सामने आयी हैं। जिनमें एक मामले में गिरफ्तारी भी हुई। खुदको रामभक्त बताने वाला एक लड़का गिरफ्तार किया गया जिसकी गोली से यूनिवर्सिटी का शादाब नाम का छात्र गया हो गया था।
आज जामिया (Jamia University) में फिर से गोविन्द पुरी की ओर से एक भीड़ हाथों में तिरंगा लिए हुए आती है। भीड़ नारे लगाती है। नारों में भीड़ वही कह रही है जो रैलियों से भाजपा नेता कह रहे हैं जैसे- ‘देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को’, ‘CAA के सम्मान में युवा है मैदान में’। कुछ इसी तरह के नारे अभी भाजपा के नेता रैलियों में भी लगा रहे हैं।
गौरतलब है की भाजपा के केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक रैली में यही नारा लगवाया था जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोक दिया। पर नेताओं द्वारा दिए जा रहे ऐसे भड़काऊ भाषणों का असर साफ़ देखा जा सकता है।
शाहीन बाग़ में अभी हाल ही में एक युवक ने कुछ ऐसे ही नारे लगाते हुए फायरिंग की, जामिया में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमला किया गया जिसमें एक छात्र घायल हुआ। इन घटनाओं को योगी, शाह, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर द्वारा दिए जा रहे भाषणों से जोड़कर देखा जा रहा है।
दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव हैं और चुनाव में भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के मुद्दों को छोड़कर शाहीन बाग़ और जामिया को मुद्दा बनाकर समाज में बंटवारे की राजनीति करती नज़र आ रही है। दिल्ली की जनता के ज़मीनीं मुद्दे रैलियों से गायब हैं। ज़िक्र है तो बस का, जामिया और शाहीन बाग़ का।