हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आ रहे हैं और BJP दोनों राज्यों में अपने पिछले प्रदर्शन के मुकाबले पिछड़ रही है।

जहां हरियाणा में वह बहुमत का आकड़ा पाने में असफल हुई है और अन्य के भरोसे है वहीं महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होकर भी पिछले चुनाव से के मुकाबले कम सीटें पाई है। इसी वजह से शिवसेना तमाम तरह से बारगेन कर रही है।

शिवसेना के तमाम नेता मुख्यमंत्री पद की मांग करने लगे हैं जिससे महाराष्ट्र में एनडीए बहुमत पाकर भी सरकार बनाने की स्थिति में स्पष्ट नहीं दिख रही है। अगर विवाद के चलते शिवसेना अलग हो जाएगी तो फिर बीजेपी किसी भी सूरत में सरकार नहीं बना पाएगी।

एक निजी न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए रामदास अठावले ने कहा कि विधानसभा चुनाव में आए इस बुरे परिणाम के लिए मंदी और बेरोजगारी जिम्मेदार है। इसपर BJP नेताओं और प्रवक्ताओं से मीडिया ने जब सवाल पूछे तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि ये अठावले का व्यक्तिगत बयान है।

गौरतलब है कि रामदास अठावले न सिर्फ एनडीए का हिस्सा हैं बल्कि अक्सर लोकसभा के अंदर मोदी चालीसा पढ़ते नजर आते हैं।

अब अगर मंदी-बेरोजगारी को मुद्दा बता रहे हैं तो कहीं न कहीं वह केंद्र सरकार की भी नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।

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