हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। हरियाणा में बीजेपी 40 सीटों पर आगे है, कांग्रेस 31 और जेजेपी 10 पर आगे चल रही है। वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी को 103, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 45 सीटों पर आगे चल रही है।

दोनों राज्यों में सत्ताधारी बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने का मतलब है कि जनता से बीजेपी के स्थानीय मुद्दे छोड़कर कश्मीर, 370, पाकिस्तान, एनआरसी जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देने को सिरे से नकार दिया है। जबकि अन्य पार्टियों ने देश में फैली बेरोजगारी, गिरती जीडीपी, किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी। दोनों राज्यों की जनता से इसे कुछ हद कर स्वीकार किया है।

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कांग्रेस प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने चुनावी नतीजे आने के बाद ट्वीट करके कहा कि, चुनाव के नतीजे जो भी हों। एक बात तो निश्चित है, फर्जी मुद्दों पर असली मुद्दे भारी पड़ रहे हैं। मोदी सरकार पाकिस्तान, कश्मीर, राष्ट्रवाद, मंदिर-मस्जिद के पीछे आर्थिक अव्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, बढ़ते अपराध को नहीं छुपा पा रही।”

2014 से लेकर जितने भी राज्यों के चुनाव हुए और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने असल मुद्दों को छोड़कर राष्ट्रवाद, पाकिस्तान का डर, हिन्दू-मुस्लिम करके चुनाव लड़ा। इसका बीजेपी को फायदा भी हुआ, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में जनता से उसे बड़ा झटका लगा है। इन मुद्दों को पीएम मोदी ने भी खूब तूल दिया।

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