हरियाणा के नूंह और आसपास के जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा से पूरे इलाके में तनाव और भय का माहौल है।

हरियाणा सरकार पर नूंह में हिंसा करने वाले संगठनों का समर्थन करने का आरोप लग रहे हैं। अभी तक नूंह हिंसा मामले में 45 एफआईआर दर्ज़ हुई है।

जिनमें बजरंग दल और वीएचपी से जुड़े किसी व्यक्ति का नाम नहीं है और ना ही इन दोनों संगठनों का किसी हिंसा के मामले में नामज़द किया गया है।

हरियाणा पुलिस की इस कार्रवाई पर लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है- हरियाणा नूंह में जिन संगठनों ने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के तमाम हथकंडे अपनाये उनके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

वहीं पुलिस ने अभी तक हरियाणा में हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर 45 एफआईआर दर्ज़ की है लेकिन उसमें बजरंग दल और वीएचपी से जुड़े किसी व्यक्ति का नाम नहीं है। जिससे लोग हरियाणा सरकार की एकतरफा कार्रवाई कह रहे हैं।

बता दें कि हरियाणा में सोमवार को बजरंग दल और वीएचपी के आह्वान पर एक जलाभिषेक यात्रा निकाली गयी थी। बताया जा रहा कि इस यात्रा में लोग लाठी डंडे और हथियारों से लैस थे और जमकर दूसरे धर्म के खिलाफ नारेबाजी और आपत्तिजनक गाने डीजे पर बजा रहे थे। जिससे नूंह में हिंसा भड़क गई।

हरियाणा में हुई हिंसा की आग दिल्ली से सटे एनसीआर इलाकों में भी फ़ैल चुकी है। गुड़गांव, मानेसर और फरीदाबाद में भी नूंह में हुए सांप्रदायिक हिंसा का असर साफ़ देखा गया।

यहाँ पर धार्मिक उन्माद में भीड़ द्वारा कई दुकानों और गाड़ियों को फूँक दिया गया। अभी तक हरियाणा के इन सांप्रदायिक हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं। और 150 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

वहीं अब हरियाणा में लोग पलायन होने के लिए मजबूर हो रहे हैं। डर और तनाव के बीच लोग अपना घर बार छोड़कर पलायन कर रहे हैं।

खबरें आ रही हैं कि हरियाणा के कई शहरों में अब बजरंग दल और वीएचपी रैली निकालकर मुसलमानों को घर खाली करने की धमकी दे रहे हैं। लेकिन पुलिस द्वारा दर्ज़ किए गए केस में अभी तक इन दोनों संगठनों से जुड़े व्यक्तियों का नाम शामिल नहीं है।

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