मोदी सरकार भारत में बनाए गए COVID टीकों का दम भरती है, उन्हें सुरक्षित बताती है। लेकिन उनके इसी दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं।

पश्चिम बंगाल के धुपगुड़ी इलाके में एक 64 वर्षीय बुज़ुर्ग की कोविशिल्ड टीका लगने के बाद मौत हो गयी है। उनके परिजनों ने इस पूरे प्रकरण को लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृष्णा दत्ता नाम के बुज़ुर्ग को सोमवार के दिन कोविशिल्ड वैक्सीन का डोज़ दिया गया था जिसके बाद उन्होंने सांस फूलने की शिकायत की।

दत्ता को जलपाईगुड़ी जिले के स्थानीय अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया लेकिन वो मौत को हरा नहीं पाए। वो कोर्बिडीटीएस (comorbidities) नामक बीमारी से भी ग्रस्त थे।

हालाँकि, परिवार का दावा है कि उनकी मौत नेचुरल नहीं थी और इसी कारण उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है। दत्ता के शव को जलपाईगुड़ी के स्टेट जनरल हॉस्पिटल में ऑटोप्सी के लिए भेजा गया है।

भारत में सोमवार और मंगलवार के बीच 20,19,723 लाभार्थियों को COVID-19 टीके के शॉट्स लगाए गए। अब तक देश में 2 करोड़ से ज़्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है।

लेकिन सरकार वैक्सीन के कारण जनता को हुए साइड-इफ़ेक्ट और मौतों के आंकड़ों का कोई जिक्र नहीं करती है।

इससे पहले आंध्रा प्रदेश की एक 37 वर्षीय आंगनबाड़ी वर्कर को COVID टिका लगने के बाद एलर्जी हो गयी थी। ऐसे और बहुत से मामले हैं जिनपर ज़्यादा चर्चा नहीं है।

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