महाराष्ट्र में एक बार फिर दल बदल राजनीति की शुरुआत हो चुकी है। एनसीपी नेता अजीत पवार अपने पार्टी के बड़े नेताओं और साथ ही आठ विधायकों सहित बीजेपी शिंदे सरकार में शामिल हो चुके हैं।

अजीत पवार खुद उपमुख्यमंत्री बने और उनके आठ विधायक महाराष्ट्र सरकार के मंत्रीमंडल में शामिल हुए है। एनसीपी नेताओं की इस सियासी फेरबदल ने महाराष्ट्र की राजनीति पर नज़र रखने वालों को चौंका दिया है।

वहीं इस राजनीतिक बदलाव पर विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा बीजेपी और कईं केंद्रीय जांच एजेंसियों पर कड़े सवाल खड़ा किये जा रहे हैं। उनका कहना है कि बीजेपी जाँच एजेंसियों का डर दिखाकर क्षेत्रीय पार्टियों को तोड़ उन्हें समाप्त कर रही है। जो देश के लोकतंत्र के लिए हानिकारक और असंवैधानिक है।

बता दे कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो क्लिप ट्वीट कर लिखा है- ”मोदी की ईडी दलों को तोड़ने और विधायकों को धमकाने का माध्यम बन गई है। सर्वोच्च न्यायालय को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए की जिस पर ईडी छापा मारती है वो बीजेपी सरकार में मंत्री कैसे बन जाते हैं?”

आप नेता संजय सिंह ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्यूंकि अजीत पवार सहित तीन एनसीपी नेताओं पर ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच चल रही है, जो कल रविवार को बीजेपी-शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं।

बता दें कि अजित पवार पर राज्य सहकारी बैंक को ऋण देने और उसमें अनियमितताओं को लेकर आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जांच चल रही थी जिसमें ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। अब वही अजीत पवार बीजेपी-शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बनते ही भ्रष्टाचार के सवालों से बाहर हो चुके हैं।

दरअसल जिन एनसीपी नेताओं पर बीजेपी कल तक भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही थी, उनमें हसन मुश्रिफ हैं जिनपर 1500 करोड़ के घोटाले के आरोप लगा रही थी। वही हसन मुश्रिफ बीजेपी शिंदे सरकार में अब मंत्री बन चुके हैं।

हसन और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों पर 1500 करोड़ के घोटाले के सिलसिले में ईडी की जांच चल रही थी। साथ ही उनके तीन बेटों के खिलाफ भी ईडी की जांच चल रही है। हसन मुश्रीफ अब बीजेपी सरकार में मंत्री बन चुके हैं।

वहीं एनसीपी के एक और बड़े नेता छगन भुजगल जो कल अजीत पवार के साथ बीजेपी सरकार में मंत्री बनाये गए। उनके ऊपर भी बीजेपी 100 करोड़ रूपये के घोटाले का आरोप लगा रही थी जब ये पिछली सरकार में पीडब्लूडी विभाग के मंत्री हुआ करते थे।

छगन भुजगल 2016 में ईडी द्वारा गिरफ्तार भी हुए थे और दो साल जेल में भी रह चुके हैं। अब ये भी कल बीजेपी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।

विपक्षी नेताओं का कहना है कि जबतक कोई नेता इनके साथ गठबंधन में नहीं होता उसके ऊपर भ्रष्टाचार के कईं आरोप लगाए जाते हैं और ईडी-सीबीआई और तमाम जाँच एजेंसियों का डर दिखाया जाता है। और जैसे ही वो नेता इनके साथ चले आते हैं उनपर लगे सारे आरोप धुल जाते हैं।

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