महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलट फेर हुआ है। एनसीपी नेता अपने दल के कईं विधायकों के साथ बीजेपी-शिंदे सरकार में जाकर शामिल हो गए हैं।
अजित पवार एक बार फिर डिप्टी सीएम बन गए और साथ ही अपने दल से आठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करा लिया है। अजित पवार की इस पलटीमार चाल से जहां एनसीपी को बड़ा झटका लगा है। वहीं देश की विपक्षी एकता पर भी एक हमला हुआ है।
पत्रकार रवीश कुमार ने महाराष्ट्र की इस सियासी फ़ेरबदल पर बीजेपी और जाँच एजेंसी ईडी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- ”ईडी ने जितने नेताओं को जेल नहीं भेजा, उससे ज्यादा बीजेपी में भेज दिया है। ईडी का नाम अब बीजेपी रख लेना चाहिए।”
रवीश कुमार यहीं नहीं रुकते हैं, उन्होंने बीजेपी और ईडी के साथ साथ महाराष्ट्र में पलटीमार राजनीति पर कथित मेनस्ट्रीम मीडिया को भी निशाने पर लिया है और ट्वीट में लिखा है- ‘अब ख़बर ऐसे लिखी जाएगी, बीजेपी ने अजित पवार पर केस किया, अजित पवार बीजेपी में आ गए। उन्हें ईडी जाकर बीजेपी में आने की जरुरत नहीं पड़ी।
ईडी ही गारंटी है। ईडी ही वारंटी है। ईडी ही अंकल है। ईडी ही आंटी है। अगर ईडी का नाम बीजेपी नहीं हो सकता तो बीजेपी का नाम ईडी कर देना चाहिए। ”
ED ने जितने नेताओं को जेल नहीं भेजा, उससे ज़्यादा बीजेपी में भेज दिया। ED का नाम BJP रख देना चाहिए। तब ख़बर ऐसे लिखी जाएगी, BJP ने अजित पवार पर केस किया, अजित पवार BJP में आ गए। उन्हें ED जाकर BJP में आने की ज़रूरत नहीं पड़ी। ED ही गारंटी है। ED ही वारंटी है। ED ही अंकल है। ED ही…
— ravish kumar (@ravishndtv) July 2, 2023
दरअसल महाराष्ट्र में पिछले साल तक महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में थी। जहां शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन में शामिल थी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे थे।
उस वक़्त शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पार्टी के सभी विधायकों को लेकर बीजेपी के साथ जाकर एक नया गठबंधन बनाए और सीएम की कुर्सी पर जाकर बैठ गए। ठीक वैसे ही एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार भी अपने आठ विधायकों के साथ बीजेपी शिंदे गठबंधन वाली सरकार में शामिल होकर एक बार फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं।
अजीत पवार का दावा है कि उनके पास NCP के 40 विधायकों का समर्थन है।
पत्रकार रविश कुमार के साथ देश की अन्य विपक्षी पार्टियां भी इस सियासी बदलाव पर निशाना साध रही है। उनका कहना है कि जब भ्रष्टाचारी नेता बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो वो अपने आरोप से मुक्त हो जाते हैं।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पिछले सप्ताह पीएम मोदी मध्यप्रदेश की एक रैली में एनसीपी नेताओं पर 70 हजार करोड़ के घोटालों की बात कर रहे थे। और उनके ऊपर ईडी, सीबाआई से जाँच करवाने का वादा रहे थे। अब वहीं एनसीपी नेता अजीत पवार और कईं अन्य बड़े एनसीपी नेता बीजेपी-शिंदे सरकार में शामिल हो चुके हैं।