देश के प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि हमारी सरकार ने नार्थ ईस्ट के साथ दिल्ली से दिल का रिश्ता बनाया है जो कि कांग्रेस ने कभी नहीं बनाया लेकिन जब वह रिश्ता निभाने का समय आया तो प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर को जलता छोड़ 4 दिन के लिए अमेरिका चले गए।

50 दिन से मणिपुर में हिंसा हो रही है, कई लोग मारे जा चुके हैं। जातीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है।

परन्तु प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर हिंसा पर एक शब्द नहीं बोला है और न ही कोई ट्वीट किया है। बल्कि यह काम कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी ने किया।

केंद्र में भाजपा सरकार मणिपुर में डबल इंजन की सरकार मतलब मणिपुर का विकास दोगना होना चाहिए था लेकिन मणिपुर दुगनी रफ़्तार से जल रहा है और सत्ता पक्ष में कोई भी सुध लेना वाला नहीं है।

मणिपुर विपक्ष के नेता प्रधानमंत्री से समय मांग रहे थे कि प्रधानमंत्री को बता सके की मणिपुर के हालत कैसे हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका चले गए न किसी नेता को समय दिया और न मणिपुर की जनता को कोई आश्वाशन।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने आज एक वीडियो के माध्यम से मणिपुर की जनता से अपील की है कि वह मणिपुर में शांति बना कर रखे।

सोनिया गाँधी ने कहा कि “मणिपुर के भाइयों और बहनों हम देख रहे हैं पिछले 50 दिनों से जो मानव त्रासदी मणिपुर में हो रही है मैं दुखी और निराश हूँ, यह देख कर जो अभूतपूर्व हिंसा के कारण लोग मणिपुर के लोग अपनों को खो रहे हैं और अपना घर छोड़ कर जा रहे हैं जो घर वह अपने पूरे जीवन में बना पाते हैं।

मणिपुर का इतिहास रहा है कि विभिन्न जाती , धर्म और पृष्ठ्भूमि के लोग एक साथ मिलकर रहे हैं।

मैं मणिपुर के लोगो से शान्ति और सद्भाव कि अपील करती हूँ। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हम विश्वास का मजबूती से पुननिर्माण करेंगे।

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