republic day parade
Republic Day Parade

केंद्र की मोदी सरकार ने उन राज्यों के प्रति तल्ख़ तेवर दिखाना शुरु कर दिया है, जिन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को अपने राज्यों में लागू करने से इनकार कर दिया। पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के बाद अब सरकार ने 26 जनवरी की परेड से केरल की झांकी को बाहर कर दिया है।

अब गणतंत्र दिवस की परेड में केरल की झांकी नहीं दिखेगी। केरल ने अपनी झांकी के लिए थेय्यम और कलामंडलम के पारंपरिक कला का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय की सलेक्शन कमेटी ने खारिज कर दिया है। इससे पहले महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को इजाजत नहीं दी गई थी।

केरल के कानून मंत्री एके बालन ने केंद्र के इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने शुक्रवार को कहा, “मैं नहीं समझ पाता कि कथकली, मोहिनीअट्टम, चेंदा (ड्रम) से नफरत क्यों हैं? क्या कभी ऐसी केंद्र सरकार देखी है, जो देश के संघीय विचार के खिलाफ हो, जो मलयाली लोगों पर निशाना साधती हो और केरल के नाम से ही आवेश में आ जाती है? केंद्र के एक नेता ने यह भी पूछा कि क्या मलयालियों के दो सींग होते हैं। यह हमारे देश की मौजूदा दशा बताता है”।

उन्होंने कहा, “क्या इसमें कोई राजनीति है? ‘यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और झांकी को खारिज करना इसी दिशा में उठाया गया कदम है। हम पानी, हाथी, नाव, मोहिनीअट्टम और कथकली नहीं दिखा सकते”।

बता दें कि इससे पहले केंद्र ने पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की झांकियों वाली अपील को भी रद्द कर दिया था। जिसपर शिवसेना और टीएमसी ने आपत्ति जताई थी।

शिवसेना नेता संजय राऊत ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आपको बताना पड़ेगा कि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की झांकियों के प्रस्ताव को क्यों नामंजूर किया गया? महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इस मामले की जांच करवानी चाहिए। इसकी पड़ताल होनी चाहिए कि इसका ज़िम्मेदार कौन हैं? क्या कुछ ऐसे तत्व हैं जिनकी निष्ठा पिछली सरकार के प्रति है?

वहीं टीएमसी नेता मदन मित्रा ने इसे राज्य का अपमान बताया था। उनका कहना है कि मोदी सरकार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि बंगाल में लगातार नागरिकता कानून का विरोध  हो रहा है।

कैसे होता है गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकियों का चयन?

दरअसल, गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकियों का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। ये चयन कुछ नियमों के तहत होते हैं। नियमों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से झांकियों के प्रस्ताव मांगता है।

इन प्रस्तावों पर एक एक्सपर्ट कमेटी जिसमें कला, संस्कृति, पेंटिंग, मूर्ति कला, संगीत, आर्किटेक्चर और कोरियोग्राफी से जुड़ी हस्तियां शामिल होती हैं, विचार करती है। इन प्रस्तावों को झांकी में शामिल करने की सिफारिश इनकी थीम, कॉन्सेप्ट, डिजाइन और विजुअल इम्पैक्ट के आधार पर की जाती है।

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