भारतीय निर्वाचन आयोग ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती के एक बयान को लेकर उनपर 48 घंटे का बैन लगाया है। बैन के के बाद मायवती कोई भी चुनावी सभा नहीं कर पाएंगी, ना कोई टीवी इंटरव्यू दे पाएंगी और ना कोई राजनीतिक ट्वीट कर पाएंगी।
साथ ही चुनाव आयोग ने मायावती के खिलाफ़ कार्रवाई करते हुए उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने और रोड शो करने पर भी रोक लगी दी है। चुनाव आयोग के इस कदम के बाद जहां उसकी सराहना की जा रही है, वहीं कार्रवाई को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर के ज़रिए सवाल उठाया, “मायावती जी के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश सवाल उठाते हैं: क्या वो सेना के नाम पर वोट मांगने से पीएम को रोक सकते हैं”?
उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष पीएम मोदी के बयान को कोट भी किया: “मैं फ़र्स्ट टाइम वोटर से कहना चाहता हूं कि आपका पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुआ उनका नाम समर्पित हो सकता है”?
EC directive against @mayawati ji begs the question: do they have integrity to stop PM from asking for votes in name of the army?
Here’s the quote @ECISVEEP: “मैं फ़र्स्ट टाइम वोटर से कहना चाहता हूँ कि आपका पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए उनके नाम समर्पित हो सकता है क्या?”
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 15, 2019
हालांकि, चुनाव आयोग भले ही पीएम मोदी पर बैन लगाने में नाकाम रहा हो लेकिन उसकी कार्रवाई का डंडा बीजेपी नेता एवं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी चला है। चुनाव आयोग ने सीएम योगी पर 72 घंटे का बैन लगाया है।
ग़ौरतलब है कि चुनाव आयोग की ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद देखने को मिली है। इससे पहले सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान नफरत भरे भाषण देने और धार्मिक आधार पर वोट मांगने वाले नेताओं पर कार्रवाई न करने को लेकर चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आप ऐसे मामलों को नजरअंदाज नहीं कर सकते. आपने ऐसे बयानों पर कुछ नहीं किया. आपको इन बयानों पर जरूर कार्रवाई करनी चाहिए।’
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही सीएम योगी ने मायावती के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘अगर आप (विपक्ष) को अली पर भरोसा है, तो हमें बजरंगबली पर भरोसा है।’ वहीं मायावती पर ने पिछले दिनों देवबंद में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की एक रैली में मायावती ने कहा था कि मुस्लिम मतदाताओं को भावनाओं में बहकर अपने मतों को बंटने नहीं देना है।