सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें आंदोलन कर रहे युवाओं पर सुरक्षा बल लाठियां भांजते दिखाई दे रहे हैं.

सुरक्षा बलों के साथ युवाओं की झड़प हो रही है. ये युवा नंग धड़ंग दिखाई दे रहे हैं. सुरक्षा बलों की लाठियां खा रहे युवा वंदे मातरम का नारा भी लगा रहे हैं.

इस वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि ये युवा वर्ष 2018 में हुए एसएसीसी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे. इन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की. मेडिकल भी पास कर लिया.

तमाम दूसरी औपचारिकताएं पूरी भी की लेकिन इन्हें ज्वाइनिंग नहीं मिली. ये वीडियो देश की राजधानी दिल्ली की है.

परीक्षा और मेडिकल पास करने केे बाद भी ज्वाइनिंग नहीं मिलने से नाराज ये युवा अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थें, लेकिन बदले में सरकार से आश्वासन मिलने की बजाय लाठियां मिलती है.

यह एक प्रकार से सरकार की तानाशाही एवं बेरोजगारों के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है.

युवा शक्ति को राष्ट्र शक्ति बताया जाता है लेकिन जिस देश में हक मांगने पर युवाओं को इतनी बुरी तरह से लाठियों से मरवाया जाता है, उसके भविष्य का आंकलन स्वतः हो जाता है.

कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अलका लांबा ने इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि बेरोजगार युवाओं कुछ भी कर लो, आएगा तो मोदी ही. तंज भरे लहजे में अलका लांबा ने कहा कि बोलो जय श्री राम.

बताया जा रहा है कि एसएससी जीडी 2018 के ये अभ्यर्थी इस लाठीचार्ज में घायल हुए हैं, इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं. ये प्रदर्शन युवा हल्ला बोल नामक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम के नेतृत्व मंे हो रहा था.

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी जंतर मंतर जाना चाह रहे थें लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कह कर रोक दिया कि वह 16 अगस्त को उन लोगों की बात गृह मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से करवाएंगे लेकिन 16 अगस्त के दिन पुलिस अपनी बात से मुकर गई और प्रदर्शन का अधिकार भी छिनने लगी.

हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने बताया कि उनके महासचिव रजत यादव और चार अन्य प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को संसद मार्ग थाने में रखा गया है.

पुलिस वहां पर उन्हें डरा और धमका रही है जबकि अन्य अभ्यर्थियों को पुलिस ने मंदिर मार्ग थाने में हिरासत में ले रखा है.

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