बीजेपी द्वारा आचार सहिंता के उल्लंघन की कई शिकायतें चुनाव आयोग को की जा चुकी हैं। कई बीजेपी नेता इसके लिए फटकारे भी जा चुके हैं। लेकिन सुधार नजर नहीं आ रहा है। नरेंद्र मोदी खुद सेना का इस्तेमाल वोट के लिए कर रहे हैं।

विपक्षी नेताओं और पूर्व सेना अधिकारियों ने इसे लेकर नाराजगी भी जतायी है। बावजूद इसके मोदी फिर पुलवामा, सर्जिकल स्ट्राइक आदि के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

नरेंद्र मोदी और बीजेपी का दावा है कि उनकी सरकार में सेना को दुशमनों से मुकाबले के लिए खुली छूट दी गई है। इसी दावे को आधार बनाकर वोट मांगा जा रहा है।

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लेकिन अब सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा ने मोदी सरकार के इस दावे की भी पोल खोल दी है। डीएस हुड्डा ने साफ कहा है कि आजादी के बाद से ही सेना स्वतंत्र है, उसके हाथ कभी बंधे हुए नहीं रहे।

शुक्रवार को विज्ञापन संगठनों द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम ‘गोवा फेस्ट’ में डीएस हुड्डा ने कहा ‘मौजूदा सरकार ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में हवाई हमले की अनुमति देने में निश्चित रूप से महान राजनीतिक संकल्प दिखाया है।

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लेकिन इससे पहले भी आपकी सेना के हाथ नहीं बंधे थे। सेना को खुली छूट देने के बारे में बहुत ज्यादा बातें हुई हैं, लेकिन 1947 से सेना सीमा पर स्वतंत्र है। इसने तीन-चार युद्ध लड़े हैं।’

बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद सीमा-पार सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना की उत्तरी कमान की अगुवाई की थी।

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