प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के ग्राफ में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है. इंडिया टुडे ग्रुप के मूड ऑफ नेशन सर्वे के अनुसार, अब सिर्फ 24 प्रतिशत लोग ही ऐसे बचे हैं जो पीएम मोदी को अगले प्रधानमंत्री के रुप में देखना चाहते हैं. पीएम मोदी की लोकप्रियता में ऐसी जबरदस्त गिरावट पहले कभी देखने को नहीं मिली थी.

मूड ऑफ द नेशन सर्वे के अनुसार देश के लोगों की प्रधानमंत्री पद के लिए दूसरी पसंद योगी आदित्यनाथ हैं. देश के करीब 11 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो योगी आदित्यनाथ को बतौर पीएम देखना चाहते हैं.

सर्वे के अनुसार काफी तेजी से पीएम मोदी की लोकप्रियता के ग्राफ में गिरावट आई है. एक साल पहले 66 प्रतिशत लोग पीएम मोदी को पंसद करते थें, जो फिसल कर 24 प्रतिशत पर पहुंच चुका है.

इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि ‘पिछले 01 साल में PM मोदी की लोकप्रियता में इस कदर गिरावट हुई कि चाहने वालों का आंकड़ा 66 प्रतिशत से गिरकर 24 प्रतिशत हो गया. यह बात इंडिया टुडे के सर्वेक्षण से सामने आई है.’

इंडिया टुडे पर प्रहार करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि इंडिया टुडे इस तथ्य को जनता के बीच रखने से डरता है इसलिए नए नए तरीकों से इसे भटका रहा है.

इस सर्वे में लोगों से पूछा गया था कि भारत का अगला प्रधानमंत्री किसे होना चाहिए?

24 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी का नाम लिया जबकि जनवरी 2021 में 38 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी को अपनी पहली पंसद बताया था.

अगस्त 2020 में 66 प्रतिशत जनता ने पीएम मोदी के नाम पर अपनी मुहर लगाई थी. वहीं विपक्षी नेताओं की बात करें तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चाहने वाले 10 प्रतिशत लोग हैं.

राहुल गांधी की लोकप्रियता में धीरे धीरे ही सही लेकिन इजाफा हो रहा है. राहुल गांधी में लोगों का विश्वास पहले की अपेक्षा बढ़ा है.

अगस्त 2020 में राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री मानने वाले लोगों की संख्या 08 प्रतिशत थी, जनवरी 2021 में यह घटकर 07 प्रतिशत हो गई लेकिन अगस्त 2021 तक इसमें हल्का सुधार हुआ और 10 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बताया.

वहीं फायर ब्रांड नेता और पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी की लोकप्रियता में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

अगस्त 2020 में महज 02 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार मानते थें पर अब यह अगस्त 2021 में चार गुना तक बढ़कर 08 प्रतिशत तक पहुंच चुका है.

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