प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना (आयुष्मान भारत) का लोगों को कितना लाभ मिल रहा है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस योजना की पहली लाभार्थी करिश्मा पिछले 15 दिनों से सही इलाज के लिए भटक रही है।

ख़बरों के मुताबिक, करिश्मा के माता-पिता उसे लेकर पिछले 15 दिनों से इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन बच्ची को सही इलाज नहीं मिल पा रहा, जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि इलाज के अभाव में बच्ची का वज़न दो किलो घट गया है।

बता दें कि पीएम मोदी की आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत करिश्मा पहली लाभार्थी थी, जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे ‘आयुष्मान बेबी’ कहा था।

गुरुवार को पिता अमित और माता मौसमी बच्ची को लेकर कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उनका आरोप है कि वहां किसी ने उनकी नहीं सुनी और वे बच्ची के इलाज के लिए भटकते रहे।

पिता का आरोप है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को करिश्मा का आयुष्मान भारत योजना के तहत बना कार्ड दिखाया और बेटी के नाम देश के प्रधानमंत्री का बधाई संदेश भी दिखाया। लेकिन इसके बावजूद सुबह से दोपहर हो गई, किसी ने उनकी सुध नहीं ली। इलाज के नाम पर सिर्फ खून का नमूना लिया गया और कह दिया गया कि दो दिन बाद रिपोर्ट ले लेना।

बच्ची करिश्मा का जन्म 15 अगस्त 2018 को मेडिकल कॉलेज में ही हुआ था और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत देश में उसे सबसे पहले लाभ मिला था।

बच्ची के पिता अमित ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। 15 दिन से उनकी बेटी को बुखार आ रहा है। कभी बुखार उतर जाता है और कभी तेज हो जाता है। पहले स्थानीय स्तर पर इलाज करवाया, ठीक न होने पर कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज  मेडिकल कॉलेज में लेकर आए।

उन्होंने बताया कि यहां डॉक्टर्स एक कमरे से दूसरे कमरे के चक्कर कटवा रहे हैं। लेकिन बेटी को सही इलाज मुहैया नहीं कराया जा रहा। पिता ने बताया कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर को फोन भी किया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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