अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नामांकन दाख़िल करने से एक दिन पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मेगा रोड शो किया। रोड शो के बाद एक जनसभा को संबोधिक करते हुए पीएम मोदी ने सुरक्षा के मोर्चे पर अपनी सरकार का जमकर गुणगान किया।

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद किए गए बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने पुलवामा में हमारे 40 जवानों को शहीद किया, हमने उनके इलाके में 42 आतंकियों को मार गिराया”।

एयर स्ट्राइक का श्रेय सीधे तौर पर अपनी सरकार को देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के काम करने का यही तरीका है। उन्होंने कहा कि विश्व अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन कर रहा है।

अपने इस भाषण में पीएम मोदी ने श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का भी ज़िक्र किया। लेकिन इस दौरान उन्होंने श्रीलंका सरकार के उस कदम का ज़िक्र नहीं किया, जिसमें वहां के रक्षा सचिव से सुरक्षा में चूक का ज़िम्मेदार मानते हुए इस्तीफा ले लिया गया।

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उन्होंने यह नहीं बताया कि आतंकी हमले सुरक्षा में चूक के कारण होते हैं, जिसकी ज़िम्मेदारी सरकार और रक्षा मामले से जुड़े लोगों की होती है। जिसके लिए उन्हें जवाब देना पड़ता है और ज़रूरत पड़े तो इस्तीफा भी देना पड़ता है।

दिलचस्प बात तो यह है कि पीएम मोदी अपनी हर रैली में पुलवामा हमले के जवाब में की गई एयर स्ट्राइक पर तो ख़ूब वाववाही लूटने की कोशिश करते हैं, लेकिन कभी जनता को यह नहीं बताते कि पुलवामा में उनकी सरकार की नाकामी की वजह से 40 जवान शहीद हो गए।

पत्रकार कादम्बिनी शर्मा ने इसी को लेकर ट्विटर के ज़रिए तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा, “पुलवामा में इंटेलिजेंस फेलियर पर अब तक कोई जवाब नहीं, जवाबदेही नहीं”।

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