बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की एक अमानवीय हरकत सामने आई है। बताया जा रहा है कि घोष ने कृष्णानगर में पार्टी की एक रैली के दौरान एक एंबुलेंस को रास्ता देने से मना कर दिया और उसे दूसरे रास्ते से जाने पर मजबूर किया।
दरअसल, मंगलवार को पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में बीजेपी ने एक रैली का आयोजन किया था। इस दौरान बीजेपी समर्थक सड़क पर खड़े थे। तभी वहां से एक एंबुलेंस ने निकलने की कोशिश की तो कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एंबुलेंस को जाने नहीं दिया।
बताया जा रहा है कि सांसद दिलीप घोष ने खुद ये देखने के बावजूद कि एंबुलेंस रास्ता दिए जाने का इंतजार कर रही थी, उन्होंने कार्यकर्ताओं को रास्ता देने के लिए कहने की जगह एंबुलेंस ड्राइवर को ही कहा कि दूसरे रूट से एंबुलेंस ले जाए।
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अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक, जब दिलीप घोष से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने माफी मांगने के बजाए आगे भी ऐसा ही करने को कहा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने उनकी जनसभा को बाधित करने के मकसद से ही एंबुलेंस भेजा था। उन्होंने दावा किया कि एंबुलेंस में कोई मरीज़ नहीं था।
घोष ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में एंबुलेंस के जरिए नशीली दवाओं और सोने की तस्करी की जाती है। इसके जरिए बमों और अपराधियों को एक से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है।
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बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी चुनाव को जीतने के लिए लंबे समय से तैयारियों में जुटी है, लेकिन चुनाव से ठीक पहले संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लाए जाने से बीजेपी की ज़मीन कमज़ोर होती दिखाई दे रही है।
ऐसे में बीजेपी रैलियों के ज़रिए नागरिकता कानून के समर्थन में लोगों को जुटाने की भरपूर कोशिश कर रही है। जिस रैली में एंबुलेंस को जाने की जगह नहीं दी गई, बताया जा रहा है कि वो भी नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित की गई थी।