रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अर्नब की अंतरिम ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद अर्नब को अभी जेल में ही रहना होगा।

अर्नब को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट ने ये फैसला सोमवार को हुई सुनवाई के बाद लिया।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अर्नब ज़मानत के लिए निचली अदालत का रुख कर सकते हैं। यहां ये बता दें कि अर्नब गोस्वामी ने अलीबाग सेशन कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर की थी। सेशन कोर्ट ने भी अर्नब की इस याचिका को खारिज कर दिया।

बॉम्बे हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की बेंच ने शनिवार को याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के बाद तत्काल कोई राहत दिए बिना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अदालत ने शनिवार को कहा था कि इस मामले के लंबित रहने तक याचिकाकर्ताओं पर नियमित जमानत के लिए संबंधित निचली अदालत जाने पर रोक नहीं है।

अदालत ने कहा था कि अगर ऐसी याचिकाएं दायर की जाती हैं तो सत्र अदालत याचिका दायर किये जाने के चार दिन के अंदर उन पर सुनवाई करके फैसला लें।

बता दें कि रायगढ़ पुलिस ने बुधवार सुबह अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों को मुंबई में 52 वर्षीय इंटीरियर डिज़ाइनर अन्वय नाइक को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में गिरफ़्तार किया था।

अर्नब को मुंबई के उनके आवास से गिरफ़्तार किया गया था और बाद में उन्हें अलीबाग की कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। जहां उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का फैसला सुनाया गया है।

अर्नब को स्थानीय स्कूल में रखा गया था, जो अलीबाग जेल का कोविड-19 केंद्र है। रविवार को उन्हें यहां से महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तलोजा जेल में ट्रांस्फर कर दिया गया।

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