शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज डग्स मामले में अंततः क्लीन चिट मिल गई है! आर्यन के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह सिद्ध हो सके कि वह ड्रग्स से जुड़े किसी अंतरराष्ट्रीय रैकैट का हिस्सा थे.
मालूम हो कि मुंबई एनसीबी के आरोपों से ठीक उलट एसआईटी ने आर्यन के विरुद्ध अपनी जांच के कुछ निष्कर्ष Hindustan Times से साझा किया,
जिसमें यह साफ साफ कहा गया है कि आर्यन खान के पास किसी तरह का कोई ड्रग्स नहीं था.
पत्रकार आदेश रावल ने इस मामले को उठाते हुए समीर वानखेड़े पर निशाना साध दिया है. आदेश ने ट्वीट किया है कि एनसीबी की एसआईटी जांच में यह बताया गया है कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के खिलाफ कोई सबूत नहीं पाया गया है.
आदेश ने कहा कि आर्यन को साजिश के तहत फंसाया गया है. अब कोई समीर वानखेड़े और उनके आका से जाकर सवाल पूछे कि किसके कहने पर शाहरुख के खिलाफ इस तरह की साजिश की गई?
वहीं बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली ने लिखा- Aryan Khan ड्रग केस की सच्चाई सामने आ ही गई। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया।
कुछ लोगों को शाहरुख़ ख़ान से हिसाब चुकाना था और कुछ लोगों को अडानी मुंद्रा पोर्ट से बरामद 3000 किलो हेरोइन से जनता का ध्यान हटाना था। गोदी मीडिया ने योजना के मुताबिक़ अपना कम बख़ूबी अंजाम दिया।
#AryanKhan ड्रग केस की सच्चाई सामने आ ही गई। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया। कुछ लोगों को शाहरुख़ ख़ान @iamsrk से हिसाब चुकाना था और कुछ लोगों को अडानी मुंद्रा पोर्ट से बरामद 3000 किलो हेरोइन से जनता का ध्यान हटाना था। गोदी मीडिया ने योजना के मुताबिक़ अपना कम बख़ूबी अंजाम दिया। pic.twitter.com/eWMy1FTN8v
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) March 2, 2022
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने पहले ही यह कह दिया था कि शाहरुख खान के साथ साजिश किया जा रहा है. यह सीधे सीधे अवैध उगाही का मामला है.
अब जबकि आर्यन खान को निर्दोष पाया जा रहा है तो उगाही को लेकर आवाजें उठनी तेज हो गईं हैं.
आर्यन खान के विरुद्ध जांच कर रही टीम का कहना है कि आर्यन की चैट से यह साबित नहीं होता कि वह ड्रग्स से जुड़ी किसी अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट या रैकेट का हिस्सा थे.
इसके अलावा जिस वक्त क्रूज पर छापेमारी हुई, उस वक्त नियमों का ठीक तरह से पालन नहीं किया गया.
छापेमारी के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए थी जो की नहीं गई जबकि एनसीबी का मैनुअल साफ तौर पर कहता है कि छापेमारी के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य है.
इतना ही नहीं एसआईटी की जांच समीर वानखेड़े के रवैये पर भी सवाल उठाती है.