मध्य प्रदेश सीधी में हुए पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपने आवास पर बुलाकर माफ़ी मांग पैर धोते हुए सम्मान किया था। अब इसे लेकर बड़ा सवाल सामने आ रहा है।

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने यह दावा किया है कि मुख्यमंत्री के पास जाने वाला शख्स और पेशाब कांड का पीड़ित आदिवासी दोनों अलग हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पैर धुलवाने वाले आदिवासी व्यक्ति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल रहा है।

जिसे ट्विटर पर पोस्ट कर एमपी कांग्रेस ने लिखा है- “सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा, शिवराज सिंह ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की। असली पीड़ित लापता है क्या? शिवराज जी इतना बड़ा षड्यंत्र? मध्य प्रदेश आपको कभी माफ़ नहीं करेगा!”

दरअसल जिस आदिवासी व्यक्ति को घर बुलाकर सीएम शिवराज ने पैर धोए थे। उसका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

जिसमें वह कह रहा है कि- “बाज़ार से आते वक़्त मैं एक जगह दुुकान पर बैठ गया था। जब ही वहां प्रवेश शुक्ला आया लेकिन जिसके ऊपर पेशाब किया गया वह व्यक्ति मैं नहीं हूँ।

वीडियो वायरल होने के बाद भी मैंने पुलिस में जाकर कहा था कि उस वीडियों में जो पीड़ित व्यक्ति है वह कोई और है।”

बता दें कि पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश सीधी में एक अमानवीय घटना सामने आयी थी। जिसमें एक भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला निर्दोष आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब कर रहा है।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपी शुक्ला को पुलिस ने हिरासत में लिया। और पीड़ित आदिवासी व्यक्ति को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने आवास पर बुलाकर उसके पैर धोते हुए उससे माफी मांगी थी। जिसे अब कांग्रेस ने झूठ और नौटंकी करार दिया है।

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