सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के चीफ़ संजय कुमार मिश्रा की सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा तीसरी बार ईडी चीफ़ संजय मिश्रा के सेवा विस्तार को अवैध घोषित कर दिया है। अब ईडी चीफ़ 31 जुलाई तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।

देश भर में केंद्र सरकार की एक जाँच एजेंसी बहुत चर्चा में रही है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जो आर्थिक हेराफेरी जैसे आपराधिक मामलों की जाँच करती है।

ईडी को लेकर देश की विपक्षी पार्टियों द्वारा बहुत बार आरोप लगाया जाता है कि- ईडी एक स्वायत केंद्रीय जाँच एजेंसी है, लेकिन वह केंद्र की मोदी सरकार के इशारे पर काम करती है। और मोदी सरकार की नीतियों का आलोचना करने वाले विपक्षी नेताओं के ऊपर लगातार ईडी द्वारा छापा मरवाया जाता है।

आज देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा सरकार द्वारा तीसरी बार ईडी चीफ संजय मिश्रा के सेवा विस्तार पर विराम लगा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि- संजय मिश्रा अब सिर्फ 31 जुलाई तक अपने पद पर सेवा दे सकते हैं। उनका कार्यकाल 18 नवंबर को ही समाप्त हो चुका था।

बता दें कि संजय मिश्रा पहली बार नवंबर 2018 में दो साल के लिए ईडी निर्देशक नियुक्त किये गए थे। यह कार्यकाल 2020 में समाप्त हो चुका था। लेकिन उन्हें दोबारा केंद्र की भाजपा सरकार ने सेवा विस्तार को कानून में संशोधित कर तीन साल के लिए विस्तार कर दिया था।

वहीं ED चीफ संजय मिश्रा के सेवा विस्तार मामले में आए सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद लोग सोशल मीडिया पर मोदी सरकार निशाना साध रहे हैं।

पत्रकार दीपक शर्मा ने ट्वीट कर लिखा- “जिस ED का देश भर में खौफ है, जिस ED ने 95 फीसदी छापे विपक्षी नेताओं पर मारे उस ED चीफ का सेवा विस्तार अवैध था। यानि ED चीफ संजय मिश्रा गैर कानूनी ढंग से पिछले कई साल से जांच एजेंसी चला रहे थे।”

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