आखिरकार कांग्रेस ने भी टीवी डिबेट में अपनी पार्टी का प्रवक्ता भेजने पर रोक लगा दी। अब इसे लोकसभा चुनाव की हार से सबक कहा जाए या फिर पीएम मोदी की गोदी मीडिया का साइड इफ़ेक्ट।
देश के दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीय दल ने ऐलान कर दिया है कि वो अपना प्रवक्ता टीवी न्यूज़ डिबेट में नहीं भेजेगी।
इस मामले पर जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पर लिखा- कांग्रेस ने फैसला किया की वो अब अपने प्रवक्ता टीवी डिबेट्स नहीं भेजेगा महीने भर के लिए। सभी मीडिया चैनल/एडिटरों से विनती है कि किसी भी कांग्रेस प्रतिनिधि को अपने शो में ना बुलाये।
.@INCIndia has decided to not send spokespersons on television debates for a month.
All media channels/editors are requested to not place Congress representatives on their shows.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 30, 2019
इससे पहले लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी ने टीवी डिबेट में अपने प्रवक्ता ना भेजने का फैसला किया था। उसके बाद कर्नाटक की सत्ताधारी पार्टी जेडीएस ने भी यही कदम उठाते हुए मीडिया में अपने प्रवक्ता ना भेजने का फैसला किया था।
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राजनीतिक दलों का ऐसा करने के पीछे मकसद और वजह साफ़ है। विपक्षी दलों का कहना है की हम अपना प्रतिनिधि भेजेगें तो उनकी सुनी नहीं जाती है। ऐसे में हमारे प्रवक्ता को सिर्फ अपमानित करने के लिए बुलाया जाता है और हमारी बात भी आम जनता तक नहीं पहुँच पाती है।