पिछले दिनों झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीटर पर पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि कोविड 19 से उपजे हालातों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन किया था लेकिन कोई काम की बात नहीं की।
हेमंत सोरेन ने कहा था कि प्रधानमंत्री कॉल पर सिर्फ अपने मन की बात करते रहें लेकिन उन्होंने कोई काम की बात नहीं की।
बस फिर क्या था, हेमंत सोरेन के इस ट्वीट पर भाजपा नेता आगबबूला हो गए और सामान्य शिष्टाचार का पालन करने की बात करते रह गए।
हेमंत सोरेन ने कहा था कि प्रधानमंत्री जी हमेशा अपनी मन की बात करते रहते हैं। फोन पर भी उन्होंने यही किया। बेहतर होता कि वो कुछ काम की बातें करते और काम की बातें सुनते।
इस पर भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कहा कि कुछ नेता इस हद तक गिर गए हैं कि प्रधानमंत्री जब उन्हें फोन करते हैं और कोविड 19 की स्थिति पर चर्चा करते हैं तो उनके खिलाफ बयान दे देते हैं।
वहीं भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने कहा था कि हेमंत सोरेन का बयान सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है।
दरअसल झारखंड सीएम हेमंत सोरेन इस बात से दुखी थें कि वो अपनी राज्य की पीड़ा और समस्या को प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं रख सकें क्योंकि प्रधानमंत्री सिर्फ अपनी बात करते रह गए।
भाजपा नेताओं द्वारा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर इस जुबानी हमले का जवाब देने के लिए कांग्रेस नेता और फिल्म अभिनेता राज बब्बर सामने आए।
राज बब्बर ने बंगाल में पीएम मोदी के दीदी ओ दीदी वाले आपत्तिजनक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि “कुछ लोग हेमंत सोरेन को सामान्य शिष्टाचार और संघीय ढांचे की मर्यादा सीखा रहे हैं. ये वही लोग हैं जिन्होंने दीदी ओ दीदी पर चुप्पी साध रखी थी”
कुछ लोग @HemantSorenJMM जी को संघीय ढांचे की मर्यादा और सामान्य शिष्टाचार सिखा रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने … Didi O Didi … के वक़्त चुप्पी साध रखी थी।
वैसी ही चुप्पी जैसी की प्रधानमंत्री जी ने #Corona पर अपनी सरकार की विफलता को लेकर साधी हुई है।
— Raj Babbar (@RajBabbarMP) May 8, 2021
राज बब्बर ने आगे कहा कि ये वैसी ही चुप्पी है जो प्रधानमंत्री जी ने कोरोना पर अपनी सरकार की विफलता पर साध रखी है।
राज बब्बर ने अपने इस बयान के बहाने जहां हेमंत सोरेन का जहां बचाव किया, वहीं भाजपा को आईना भी दिखा दिया।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ बेहद गरिमाविहीन अंदाज में भाषण दिया और दीदी ओ दीदी कहकर उन्हें चिढ़ाने और अपमानित करने का प्रयास किया था। प्रधानमंत्री की इस जुमलेबाजी से बंगाल की जनता ने बेहद रोष था, जो चुनावी नतीजों में प्रकट भी हो गया.