भारतीय रुपया आए दिन डॉलर के मुकाबले गिरता ही जा रहा है। हर दिन गिरावट से एक नया रिकॉर्ड बनता जा रहा है।

आज रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.12 के स्तर तक पहुँच गया। वित्त मंत्री कहती हैं कि रूपए की वैल्यू कम नहीं हो रही , बल्कि डॉलर ही मज़बूत होता जा रहा है। लेकिन सच तो ये है कि मोदीराज में रुपया बहुत कमज़ोर हुआ है।

NDTV की खबर के अनुसार, मोदीराज में अब तक रुपया 42 फीसदी गिर चुका है।

रुपए की गिरती कीमत पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत लिखते हैं, “कांग्रेस के समय रुपया गिरता था तो PM की इज्जत गिरती थी, क्यूंकि उनकी इज्जत थी। अब रुपया गिर रहा पर इज्जत नहीं गिर रही! हैय्य नहीं तो गिरेगी कहां से?”

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, “डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया ऐतिहासिक रूप से सबसे कमजोर। डॉलर के मुकाबले रुपया बुरी तरह टूट कर पहली बार पहुंचा 83 के पार।

रातों-रात नोटबंदी कर देश और देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाले गिरते रुपए पर मुँह नहीं खोल रहे है। गरीबी,बेरोजगारी और महंगाई पर तो वो कभी बोलते ही नहीं।”

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार शपथ ली, उस दिन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 58.58 के स्तर पर था। लेकिन 20 अक्टूबर को यही रुपया 83.12 तक पहुँच गया। इसका मतलब मोदीराज में रुपया लगभग 42 प्रतिशत से गिरा है।

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