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सेना की बहादुरी के नाम पर वोट मांगने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद की बड़ाई के चक्कर में सेना का ही अपमान कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके आने से पहले देश को आतंकियों से खतरा था, अब आतंकियों को उनसे खतरा रहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान के हिंडौन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2009 और 2014 में आईपीएल देश में नहीं हुआ था। तबकी सरकार आतंकवादियों से कांपती थी और उनमें आतंकवाद से निपटने का दम नहीं था, तब उन्होंने कह दिया कि चुनाव की वजह से हम आईपीएल के लिए सुरक्षा दे पाने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा,’ कांग्रेस की सरकार में दम नहीं था और वह आतंकियों से कांपती थी। इसी कारण उसने चुनाव के साथ आईपीएल कराने की हिम्मत नहीं दिखाई। आज चुनाव भी चल रहा है और आईपीएल भी चल रहा है। इस बीच रामनवमी से लेकर हनुमान जयंती, रमजान आने वाला है, लेकिन आईपीएल चल रहा है, यही फर्क होता है।’
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पीएम मोदी ने कहा कि पहले पूंछ दबाकर भाग जाने वाली सरकार थी और ये मोदी सीना तान के जाता है। आईपीएल होगा और डटकर होगा। आप गोली चलाओगे तो मोदी गोला चलाएगा।
पीएम मोदी ने भले ही यह बयान पूर्ववर्ती यूपीए की सरकार को घेरने के लिए दिया हो, लेकिन उनके इस बयान ने देश की सेना पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने पीएम मोदी के इस बयान को सेना का अपमान बताया है।
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कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “यह मोदी द्वारा भारतीय रक्षा बलों के अपमान का जीता-जागता उदाहरण है। बहादुर जवानों और उन शहीदों का क्या, जिनका इस्तेमाल वो वोट मांगने के लिए करते हैं? क्या 2014 से पहले उनका अस्तित्व नहीं था”?
यह मोदी द्वारा भारतीय रक्षा बलों के अपमान का जीता-जागता उदाहरण है। बहादुर जवानों और उन शहीदों का क्या, जिनका इस्तेमाल वो वोट मांगने के लिए करते हैं? क्या 2014 से पहले उनका अस्तित्व नहीं था?#JawanVirodhiModi pic.twitter.com/LZ8WinYwnq
— Congress (@INCIndia) May 3, 2019
हैरानी की बात तो ये है कि पीएम मोदी आतंकवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को उस वक्त घेरने की कोशिश कर रहे हैं, जब जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में मारे गए 44 जवानों का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है।
हालांकि वह बड़ी ही चालाकी से पुलवामा हमले पर सवालों से एयर स्ट्राइक का ज़िक्र कर बच निकलते हैं। लेकिन क्या उनके पास महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए नक्सली हमले का भी कोई जवाब है, जिसमें 15 जवान शहीद हो गए थे?