कोरोना वायरस संकट में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार गरीबों का राशन तक गटक जा रही है। एमपी सरकार द्वारा चलाए जा रहे 10 किलो आटा देने की योजना के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के 10 किलो कट्टे में 3 किलो कम आटा निकल रहा है।

गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद खाद्य विभाग के अधिकारी कट्टे में खुद 1 किलो आटा कम होने की बात स्वीकार कर रहे हैं।

बता दें कि अभी हाल ही में लॉक डाउन ले दौरान कांग्रेस के 20 विधायक इधर-उधर करने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी है। लेकिन गरीबों की बात करने वाले सीएम शिवराज के राज में गरीबों का हक़ मारा जा रहा है।

ये मामला सबसे पहले ग्वालियर में सामने आया, जब नई सड़क पर हरि निर्मल टॉकिज के सामने एक राशन की दुकान से शिकायत मिली। यहां पर जब एक व्यक्ति ने आटे का वजन कराया तो कट्टे का वजन महज 8.85 किलो ही निकला। इसके बाद दुकान क्व बाहर खड़े अन्य लोगों ने भी अपने आटे के कट्टे का वजन कराया, सामने आया कि सभी के कट्टों में वजन कम है।

इस अमानवीय भ्रष्टाचार के सामने आने के बाद अधिकारी जांच में जुट गए हैं। लेकिन कोरोना महामारी के समय जब गरीब आदमी खाने का मोहताज हो रहा है तब सरकारी तंत्र उनके पेट से निवाला छीनना चाहता है।

वहीँ मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसे अरबों का घोटाला बताते हुए शिवराज सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा- शिवराज ने महामारी मे भी किया घोटाला, —आटे के पैकेट में 1 से 4 किलो तक आटा कम: ग्वालियर में राशन की दुकान से बाँटे जा रहे आटे के पैकेट में 1 से 4 किलो तक आटा कम देकर ग़रीबों का पेट काटा जा रहा है। प्रदेश में इस तरह के 70 लाख पैकेट बंटने है, मतलब यह घोटाला भी अरबों का है।

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