भाजपा के शासनकाल में दबंगों की निडरता हम लोग आए दिन देखते हैं। इसी से संबंधित दिल्ली के जंतर मंतर से पिंकी चौधरी का नाम भी कुछ दिन पहले हम सब ने सुना था।

पिंकी चौधरी ने जंतर मंतर पर समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने आपत्ति जताई थी व इस संदर्भ में न्याय की मांग भी की थी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जंतर-मंतर पर समुदाय विशेष के खिलाफ हुई नारेबाजी के मामले में पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी

और खारिज करते हुए कहा कि हम कोई तालिबानी राज्य नहीं है। यहां अलग-अलग धर्म संस्कृति के लोग रहते हैं। हमारे देश में रूल ऑफ लॉ का शासन है।

साथ ही बता दें जंतर-मंतर पर समुदाय विशेष के खिलाफ हुई नारेबाजी के मामले में पुलिस को पिंकी चौधरी की तलाश है।

इससे पहले पुलिस ने बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार क‍िया है। एक अधिकारी के अनुसार, चौधरी इस मामले के प्रमुख संदिग्‍धों में से एक है।

पुलिस कमिश्‍नर राकेश अस्‍थाना ने इलाके के डीसीपी और जॉइंट कमिश्‍नर को मामला सौंपा है। कई लोगों की पहचान हो चुकी है और उनकी तलाश में दबिश दी जा चुकी है।

जंतर मंतर का विडियो पुलिस के पास पहुंचने के बाद आईपीसी 153(ए) यानी (अलग-अलग समुदायों में दुश्मनी पैदा करना) और 188 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी।

इससे पहले, दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया था,

जिन्हें जंतर-मंतर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुस्लिम विरोधी नारे लगाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था और दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। .

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