देश में इस समय किसान सबसे मुख्य और बड़ा मुद्दा है। MSP को लेकर मोदी सरकार की हीलाहवाली और किसानों की तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग के बीच करोड़ों किसान असहाय और बेबस पड़े हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ से बहुत बुरी खबर आई है।
छत्तीसगढ़ में एक किसान अपना धान बेचने गया लेकिन मंडी में किसान के 23 कट्टे धान को खराब बता दिया गया। इसे सही से पैसों का भुगतान भी नहीं किया गया।
इस बात से आहत हुए किसान को खरीदी केंद्र में ही हार्ट अटैक आ गया, जिसकी वजह से किसान की मौत हो गई।
छत्तीसगढ़ में किसानों को डायल 112 की सुविधा दी जा रही है। जहां किसान अपनी समस्या बता सकते हैं। उसके बाद भी धान ख़रीदी केंद्र में किसान से पैसा माँगा गया। पैसा नहीं देने पर उसके धान को ख़राब बता दिया गया। किसान को ख़रीदी केंद्र में ही अटैक आया और उसकी मौत हो गई।
देश मे जारी किसान आंदोलन के बीच छत्तीसगढ़ में किसानों की मौत से जुड़ा इसके अलावा एक और मामला सामने आया है। दोनों मामले धान की खरीदी से जुड़े हैं। दूसरा मामला कोंडागांव का है जहां एक किसान ने आत्महत्या कर ली।
घुमका के खरीदी केंद्र में धान बेचने पहुंचे 55 वर्षीय किसान करण 55 मंगलवार को धान बेचने गए थे।
जानकारी के मुताबिक, खरीदी केंद्र पर तुलाई के लिए किसानों से 500 रुपये की जबरन वसूली की जाती है। जब किसान ने पैसे देने से मना कर दिया, तो उसका 23 कट्टा धान खराब बताकर तौलने से मना कर दिया गया। यह सुनकर किसान को वहीं मौके पर हार्ट अटैक आ गया। किसान ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।