दिल्ली में 26 जनवरी के मौके पर कई जगह हुई हिंसा पर किसान संगठनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने किसान नेताओं ने ट्रेक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग कर लिया है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ जिन किसानों ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया। उसका मैं अभिनन्दन करता हूँ। पूरे हिंदुस्तान के किसानों ने सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखा है।

जिसमें कहा गया है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। एमएसपी को कानून बनाया जाए और कुछ अन्य छोटी मांगें हैं। लेकिन इन्हें पूरा करने के रास्ते में आज जो साजिश रची गई है। उसका पर्दाफाश हो चुका है।

पहले से ही ये कहा जा रहा था कि यह आंदोलन देश विरोधी हो सकता है। यह आंदोलन चीन, पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थित होगा।

किसानों के आंदोलन को छोटा दिखाने के लिए ऐसा किया गया है। इस देश के 70 करोड किसान हैं क्या वह देश विरोधी हैं। यही किसान दिन रात मेहनत करके लोगों को अन्न प्रदान करते हैं। किसान को देशद्रोही वही कह सकते हैं, जो खुद देशद्रोही हो।

उन्होंने कहा, किसानों ने 26 जनवरी को शांतिपूर्वक तरीके से ही प्रदर्शन किया है। आगे भी शांतिपूर्वक तरीके से ही प्रदर्शन करता रहेगा। बीते कई महीनों से यह किसान आंदोलन चल रहा है।

लेकिन सरकार किसानों की समस्या का हल नहीं निकाल पाई है। क्या यह सरकार सत्ता में रहने योग्य है? सरकार ने इसका कोई हल नहीं किया। इसीलिए यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है।

किसान नेताओं ने इस घटना पर दुःख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने गांधी जी की हत्या की थी उन लोगों ने ही यह साजिश रची है।

जिन लोगों ने गाँधी जी की हत्या की। वही आज देश के लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। किसान नेता ने साफ़ कह दिया है कि यह आंदोलन लंबा चलेगा और शांतिपूर्वक तरीके से चलेगा।

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