गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटनाओं को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरु कर दी है। गुरुवार को पुलिस द्वारा कई किसान नेताओं को नोटिस थमाया गया।

साथ ही ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की घेराबंदी कर दी गई है। कई किसान नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला भी शुरु कर दिया गया है।

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी किसानों का धरना खत्म कराने का निर्देश जारी कर दिया है। किसानों के ख़िलाफ़ हो रही इस कार्रवाई को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का बयान सामने आया है।

उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई पर संदेह जताते हुए कहा है कि अगर उन्‍हें कुछ होता है इसका जिम्‍मादर प्रशासन होगा। उन्होंने आरोप लगाता हुए कहा कि गिरफ्तारी के नाम पर उनकी हत्या की साज़िश रची जा रही है।

राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है।

उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है। बावजूद इसके सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है।

टिकैत ने कहा कि लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें। कमेटी जांच करे और पता लगाए कि वहां झंडा लगाने वाले कौन थे।

यह पूरे देश को पता होना चाहिए कि लाल किला पर वो शख्स कौन था और किससे जुड़ा था। लालकिले पर जिसने झंडा फहराया उसके दो महीने के कॉल रिकॉर्ड्स की जांच होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने झंडा फहराया वो आंदोलनकारी नहीं हैं। तिरंगे का जिस तरह अपमान हुआ वो बर्दाश्त नहीं है।

गिरफ्तारी की अटकलों पर टिकैत ने कहा कि पहले वह गिरफ्तारी देना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के विधायकों ने हमारे लोगों के साथ मारपीट की है। हमारे लोगों को रास्ते में पीटने की योजना बना रखी है।

उन्होंने कहा कि अब हम यहां से नहीं जाएंगे। यहीं बैठेंगे और धरना को इसी तरह जारी रखेंगे।

मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत रो पड़े। उन्होंने कहा, “अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मुझे कुछ भी हुआ तो प्रशासन जिम्मेदार होगा”।

उन्होंने कहा, “मैं किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा। किसानों का मारने की साजिश रची जा रही है। यहां अत्याचार हो रहा है”।

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