गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस द्वारा राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और बलवीर सिंह राजोवाल समेत 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया गया है।
पुलिस का आरोप है कि किसान नेताओं ने ट्रेक्टर परेड के लिए जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसी बीच ये खबर चर्चा में बनी हुई है कि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत सरेंडर कर सकते हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर मीडिया के सामने राकेश टिकैत ने यह ऐलान किया है कि वह गिरफ्तारी नहीं देंगे। यहां पर भाजपा के लोगों से गुंडागर्दी करवाई जा रही है।
भाजपा विधायक यहां पर कई आदमी लेकर आए हैं और किसानों को पीटने का काम किया जा रहा है। अगर भारतीय मीडिया में हिम्मत है तो इसे दिखाया जाए। किसानों को कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
उन्होंने यह भी कहा है कि अगर गोली चलानी होगी तो यहीं पर चलेगी। लेकिन गिरफ्तारी कोई नहीं देगा। किसानों का आंदोलन जारी रखा जाएगा। गिरफ्तारी नहीं दी जाएगी। मैं यहीं पर फांसी लगा लूंगा।
किसानों का कहना है कि जो भी हो जाए यह आंदोलन खत्म नहीं होगा। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया है।
जिसमें भारी तादाद में किसान एकजुट हुए। किसानों का कहना है कि अगर राकेश टिकैत को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया तो 1 लाख किसान भी अपनी गिरफ्तारी उनके साथ देंगे।
इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत द्वारा यह सवाल खड़े किए गए थे कि लाल किले पर जब दीप सिद्दू द्वारा धार्मिक झंडा फहराया गया। तो उस दौरान पुलिस कहां थी?
वहां पर फायरिंग क्यों नहीं की गई ? वह आसानी से वहां तक कैसे पहुंच गया ? पुलिस को पता लगाना चाहिए कि वह कौन शख्स था जिसने किसानों को बदनाम करने की कोशिश की है।