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वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी के ख़िलाफ़ ताल ठोंकने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव का नामांकन रद्द किए जाने के बाद अब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
तेज बहादुर के खिलाफ एफआईआर स्थानीय वकील हनुमंत सिंह की लिखित शिकायत पर दर्ज की गई है। वकील का आरोप है कि बुधवार को नामांकन पर्चों की जांच के दौरान तेज बहादुर यादव ने डीएम पोर्टिको के नीचे भीड़ इकट्ठा कर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता और धारा 144 का उल्लंघन किया गया। उनके कारण कलक्ट्रेट परिसर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था।
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वकील की शिकायत के बाद प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया। कैंट थाने में जो तहरीर दी गई थी। अब वह एफआईआर में बदल गई। बताया जा रहा है कि एफआईआर में धारा 144 के उल्लंघन के अलावा दूसरी अन्य धाराएं भी लगाई गई हैं।
ग़ौरतलब है कि जब से तेज बहादुर ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, तब से लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं। तेज बहादुर की राजनीतिक पारी भी काफी दिलचस्प है। पहले उन्होंने निर्दलीय से पर्चा भरा था। इसके कुछ दिनों बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन दे दिया। समाजवादी पार्टी से तेज बहादुर ने वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन भरा था। लेकिन चुनाव आयोग ने उनके नामांकन रद्द कर दिया।
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विपक्षियों ने आरोप लगाया था कि तेज बहादुर के नामांकन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर रद्द किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पीएम मोदी एक जवान से इस कदर डर गए हैं कि उसका सामना करने के बजाए उसका नामांकन रद्द करवा रहे हैं।