लोकसभा चुनाव के चार चरण ख़त्म होने के बाद राफेल का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। मोदी सरकार ने राफेल पर दी गई पुनर्विचार याचिका पर जवाब दिया है। जिसमें उसने कहा कि पुनर्विचार याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और सर्वोच्च अदालत को इसे खारिज कर देना चाहिए।

मोदी सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को ख़ारिज करने की वजह बताते हुए कहा कि इसे ख़ारिज किया जाना चाहिए, क्योंकि अदालत की ओर से गतवर्ष जारी किया गया निर्णय बिल्कुल सही है, उसमें कोई कमी नहीं है। ऐसे में पुनर्विचार याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

कोर्ट में सरकार ने इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा हवाला देते हुए कहा की ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और इस मामले में सरकार ने गंभीर विचार-विमर्श के बाद करार किया है।

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सरकार ने कोर्ट में आगे कहा कि खरीद प्रक्रिया की समीक्षा देश में वर्तमान सुरक्षा वातावरण में राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है और पड़ोसी देशों में अच्छी तरह से जानी जा सकती है।

सरकार ने कोर्ट में कहा कि भारत को राफेल सस्ती कीमत पर मिला। साथ ही व्यक्तिगत धारणा जांच का आधार नहीं हो सकती है। किसी भी एफआईआर पर आदेश नहीं सुनाया जा सकता है, दिसंबर 2018 में SC का फैसला सही था।

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गौरतलब हो कि केंद्र ने SC में राफेल समीक्षा मामले में नए हलफनामे दाखिल किए हैं। इस हलफनामे में उन्होंने कहा है,14 दिसंबर, 2018 के फैसले में 36 राफेल जेट के सौदे को सही ठहराया गया था और मीडिया रिपोर्टों और आंशिक आंतरिक फाइल नोटिंग को चुनिंदा तरीके से जानबूझकर रद्द किया गया था, जो समीक्षा के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता है

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