राफेल डील से जुड़ा एक बड़ा ख़ुलासा सामने आया है। फ्रांस के राष्ट्रीय अखबार ले मोंडे ने दावा किया है कि राफेल डील की घोषणा के बाद अनिल अंबानी की फ्रांस में स्थित टेलीकॉम कंपनी का करीब 1125 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया।

अख़बार की शनिवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 36 राफेल विमान खरीदने के ऐलान के कुछ महीने बाद ही 2015 में फ्रांस सरकार ने रिलायंस कम्यूनिकेशन की फ्रांस में रजिस्टर्ड टेलिकॉम सब्सिडियरी के टैक्स को माफ कर दिया।

बता दें कि अनिल अंबानी की फ़्रांस में एक टेलीकॉम कंपनी रजिस्टर्ड है, जिसका नाम रिलायंस अलटांलिक फ़्लैग फ़्रांस है। अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फ्रांस के टैक्स अधिकारियों ने रिलायंस फ्लैग अटलांटिक फ्रांस से निपटारे के रूप में 73 लाख यूरो (करीब 57.15 करोड़ रुपये) स्वीकार किए, जबकि ऑरिजिनल डिमांड 15.1 करोड़ यूरो (करीब 1182 करोड़ रुपये) की थी।

CJI ने कोर्ट के 2 अधिकारियों को किया बर्ख़ास्त, आदेश से छेड़छाड़ कर अनिल अंबानी की कर रहे थे मदद

रिपोर्ट में बताया गया है कि रिलायंस ने इस मामले को खत्म करन क लिए 7.6 मिलियन यूरो की पेशकश की थी जिसे फ़्रांस के टैक्स विभाग ने इंकार कर दिया। उन्होंने कंपनी पर साल 2010 से 2012 के बीच एक और जांच बैठाई और इसमें 91 मिलियन यूरो और टैक्स की मांग की।

अप्रैल 2015 में जब पीएम मोदी ने दसौ के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की तो उस समय रिलायंस पर फ़्रांस में कम से कम 151 मिलियन यूरो का टैक्स बकाया था। लेकिन मोदी के रफ़ाल विमान खरीदने की घोषणा के छह महीने बाद ही फ़्रांस का टैक्स विभाग 151 मिलियन यूरो की जगह समझौते के तौर पर 7.3 मिलियन यूरो लेने पर राज़ी हो गया।’

कांग्रेस ने फ्रांसीसी अख़बार की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि ‘मोदी कृपा’ से फ्रांस की सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी के अरबों रुपये का टैक्स माफ किया।

अनुराग,कोंकणा समेत 616 कलाकारों ने की BJP के खिलाफ़ वोट करने की अपील, कहा- नफ़रत को हराएं

हालंकि रिलायंस कम्युनिकेशन ने फ्रांसीसी अख़बार के इस दावे को खारिज किया है। कंपनी ने कहा कि टैक्स से जुड़ा मामला फ्रांस के कानून के आधार पर ही सुलझाया गया है।

वहीं भारत के रक्षा मंत्रालय ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि राफेल डील और टैक्स मसले को एक साथ जोड़कर देखना पूरी तरह गलत, पक्षपातपूर्ण होने के साथ-साथ गुमराह करने की शरारती कोशिश है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here