दिल्ली के मायापुरी की कबाड़ मार्केट में सीलिंग का विरोध कर रहे व्यापारियों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है। पुलिस की इस पिटाई में कई व्यापारी बुरी तहर ज़ख्मी हुए हैं।

दरअसल, शनिवार को मायापुरी की कबाड़ मार्केट में एमसीडी की टीम पुलिस के अलावा सीआरपीएफ और आइटीबीपी के जवानों के साथ सीलिंग के लिए पहुंची थी। लेकिन जब टीम ने यहां कार्रवाई शुरु की तो उसे व्यापारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। जिसके बाद फोर्स ने विरोध कर रहे व्यापारियों पर लाठीचार्ज कर दिया।

इस मामले का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें सुरक्षाबल की बर्बरता को साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। सुरक्षाबल के जवान व्यापारियों पर बेरहमी से लाठियां बरसा रहे हैं। इस वीडियो में सुरक्षाबल के जवानों को व्यापारियों पर पथराव करते भी देखा जा सकता है।

वीडियो में दिख रहा है कि जो व्यापारी पुलिस के लाठीचार्च से भाग रहे हैं, उनपर सुरक्षाबल के जवान पथराव कर रहे हैं। इस वीडियो को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है।

उन्होंने वीडियो को शेयर करते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, “अपने ही व्यापारियों को इस तरह पीटना बेहद शर्मनाक है व्यापारियों ने हमेशा धन और वोट से भाजपा का साथ दिया। बदले में भाजपा ने उनकी दुकानें सील की और उनको लाठियों से पीटा”।

केजरीवाल ने आगे लिखा, “चुनाव में भी व्यापारियों पर इतना बर्बर लाठी चार्ज? भाजपा साफ़ कह रही है- नहीं चाहिए भाजपा को व्यापारियों का साथ”। हालांकि इस मामले का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें सीलिंग का विरोध कर रहे व्यापारी भी सुरक्षाबल के जवानों पर पथराव करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

केजरीवाल ने अपने दुसरे ट्वीट में लिखा- अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होती तो हम 24 घंटे में सीलिंग रुकवा देते। 5 साल में केंद्र की भाजपा सरकार ने दिल्ली व्यापारियों पर ख़ूब ज़ुल्म ढाए हैं। मेरी दिल्ली के व्यापारियों से अपील- वोट डालने जाओ तो एक एक लाठी का बदला लेना। इस बार झाड़ू को वोट देना ताकि भविष्य में सीलिंग ना हो सके।

बता दें कि मायापुरी के कबाड़ मार्केट में मौजूद करीब 850 फैक्ट्रियों को नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) के आदेश पर सील किया जाना है। NGT के मुताबिक, इन फैक्ट्रियों से जहरीली हवाएं, रसायन और तेल निकलते हैं। जिससे यहां प्रदूषण बढ़ रहा है।

NGT ने 2014 में भी इस मामले में गौर किया था। तब डीडीए और डीपीसीसी ने दावा किया था कि अवैध और अनधिकृत इकाइयों को चलने नहीं दिया जाएगा। लेकिन ट्राइब्यूनल ने पाया कि अथॉरिटीज की लापरवाही की वजह से मायापुरी कबाड़ मार्केट के हालात में आज भी कोई खास सुधार नहीं है।

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