अडानी ग्रुप ने यूपी की राजधानी लखनऊ एयरपोर्ट पर 10 गुना तक चार्ज बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य सभी देश के एयरपोर्ट पर चार्ज बढ़ाने की तैयारी में अडाणी ग्रुप लग गया है।

मालूम हो कि अडानी ग्रुप ने वर्ष 2019 में देश के 06 एयरपोेर्ट के संचालन का टेंडर हासिल कर लिया था, वह भी 50 सालों के लिए। 50 साल तक इन एयरपोर्ट्स के संचालन एवं प्रबंधन का अधिकार अडानी ग्रुप के पास सुरक्षित है।

अडानी ग्रुप के पास लखनऊ के अलावा जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, मैंगलोर और तिरुवनंतपुरम आदि हवाई अड्डों के संचालन और प्रबंधन का ठेका है।

अडानी ग्रुप ने लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर निजी जेट और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टर्न अराउंड चार्ज को 10 गुना तक बढ़ा दिया है। अडानी ग्रुप के इस फैसले से जेट कंपनियों में नाखुशी है।

कंपनियों का कहना है कि अडानी ग्रुप का यह फैसला सही नहीं है क्योंकि हवाई अड्डों पर किसी भी प्रकार की सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, फिर किस बात के लिए टर्न अराउंड चार्ज को 10 गुना तक बढ़ा दिया गया है।

एक जेट ऑपरेटर ने नाम नहीं प्रकाशित शर्त पर बताया कि लखनऊ एयरपोर्ट पर आने वाले ज्यदातार बिजनेस फ्लाइट चिकित्सा निकासी यानी एयर एंबुलेंस उड़ाने हैं, ऐसे में इतनी भारी भरकम बढ़ोतरी कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है।

निजीकरण का समर्थन करने वाले लोगों को इस खबर से बेहद निराशा होगी क्योंकि एयरपोर्ट का संचालन हाथ में आते ही अडाणी ग्रुप ने अपने व्यापारिक पैंतरे दिखाना शुरु कर दिया है।

लोगों को इस बात का अंदाजा पहले से था। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार को सचेत करता रहा लेकिन अडानी ग्रुप के प्रति सरकार की विशेष मेहरबानी से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की नीति को एयरपोर्ट संचालन एवं प्रबंधन के लिए लागू कर दिया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तो ये शुरुआत है. आगे आग देखिए, अडानी लोगों की जेब से कैसे वसूली करते हैं।

वरिष्ठ वकिल प्रशांत भूषण ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि “जब मोदी सरकार ने अडानी को नियमों का उल्लंघन करते हुए 06 हवाई अड्डो का नियंत्रण दे दिया तो वह हवाई अड्डों पर शुल्क में 10 गुना तक बढ़ोतरी करने लगें.

अडानी को पीएम मोदी का साथी बताते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि ये मोदी के साथी द्वारा हाईवे डकैती है.”

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