देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत की मीडिया को लेकर सवाल खड़े किए है। उन्होंने मीडिया को सलाह दी है कि मीडिया को सत्ता से सवाल करने चाहिए क्योकि मीडिया ही सत्ता के सीधे संपर्क में होती है।

साथ ही उन्होंने कहा कि वास्तविक लोकतांत्रिक समाज की रक्षा के लिये यह जरूरी है। रविवार को मीडिया समूह “द इंडियन एक्सप्रेस” की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मीडिया को संप्रदायिक बयानों के प्रति संवेदनशीलता बरतने की आवश्यकता है।

साथ ही उन्होंने फर्जी खबरों को भी एक बड़ा खतरा बताते हुए कहा है कि इसका इस्तेमाल सामाजिक, राजनीतिक और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए किया रहा है।

अमेरिका का ‘मीडिया’ सत्ता से टकरा रहा है भारत का मीडिया ‘सत्ता’ के आगे रेंग रहा है : पुण्य प्रसून

पूर्व राष्ट्रपति का यह बयान भारतीय मीडिया के गिरते हुए स्तर और सत्ता के मीडिया में बढ़ते हुए दखल की खबरों के बीच आया है। साथ ही हाल ही में हुई अमेरिकी सरकार और अमेरीकी की मीडिया के बीच तीखी-नौकझोक ने भी पूरे विश्व भर की मीडिया और सत्ता की बढ़ती पर सवाल खड़े किए हैं।

हाल ही में हुई इस घटना ने सुर्खिया तब बटोरी थी जब अमेरिकी पत्रकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रप से एक प्रेस वर्ता के दौरान तीखे सवाल किए थे।

CBI चीफ ने लालू यादव की हत्या की साजिश का किया खुलासा! मंडल बोले- मोदी और अस्थाना को तुरंत गिरफ्तार किया जाए

इसके बाद ट्रंप प्रशासन की ओर से पत्रकार का वाइट हाउस में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसे कोर्ट ने पत्रकारों के अधिकारों के खिलाफ बताते हुए असंवैधानिक करार दिया था। यह घटना भारत में भी सुर्खियों में रही थी।

भारत में सरकार के नुमाइंदों की तरह काम कर रहे पत्रकारों को निशाना बनाते हुए, भारतीय लोगो ने भारत में हो रही पत्रकारिता की आलोचना करते हुए कई तीखे तंज कसे थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here