आईआरसीटीसी मामले को लेकर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पीएमओ के इशारे पर बिहार के पीर्व मुख्यमंत्री एवं आरेजडी प्रमुख लालू यादव को फंसाया गया है।

सीवीसी को भेजी अपनी प्रतिक्रिया में वर्मा ने आरोप लगाया है कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी और पीएमओ के एक अधिकारी ने मिलकर आरेजडी प्रमुख लालू यादव को आईआरसीटीसी टेंडर मामले में फंसाया है।

फिलहाल इस मामले की सुनवाई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 20 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है। लालू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत के समक्ष पेश होंगे।

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वर्मा ने बताया कि सीबीआई के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक की हैसियत से अस्थाना ने इस तथ्य को दबा दिया कि इस मामले को लेकर सीबीआई को 2013-14 में एक शिकायत भेजी गई थी जिसे जांच के बाद ग़लत पाया गया था।

वर्मा ने यह भी कहा कि पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है क्योंकि अस्थाना बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे सुशील मोदी के निरंतर संपर्क में थे। उन्होंने अपने जवाब में यह भी बताया कि पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी लगातार इस मामले की जानकारी ले रहे थे।

वर्मा ने सीवीसी को आश्वस्त किया कि अगर वो चाहे तो वर्मा पीएमओ के उस अधिकारी का नाम बता सकते हैं और सीवीसी मामले से जुड़े सभी तथ्यों की तस्दीक कर सकती है।

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सीबीआई निदेशक के इस ख़ुलासे के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “CBI निदेशक ने ख़ुलासा किया है कि PMO, CBI और नीतीश के दूत सुशील मोदी हमारे ख़िलाफ CBI को फ़र्ज़ी केस करने का दबाव दे रहे थे। अब नीतीश कुमार की नैतिकता क्या तेल लेने अंतरात्मा के पास चली गयी है? इसलिए ही लोग नीतीश जी को नैतिक,राजनीतिक और सामाजिक भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह कहते है”।

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