यूपी में एक बाद एक शहरों के नाम बदलने पर लेखक जावेद अख्तर ने खूब खरी खरी सुनाई है। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में एंकर ने नाम बदलने पर सवाल पूछा की शहर के नाम बदलने पर आप क्या कहेंगें।

इस पर जावेद अख्तर ने कहा कि स्मार्ट बनाने की कोशिश है तो नाम ही स्मार्ट कर दो नाम बदलना सिर्फ वक़्त बेकार करना है।

शहरों के नाम बदलने पर जावेद अख्तर ने कहा हम चाहते है कि स्मार्ट सिटी बनाई जाए न की नाम बदला जाए। उन्होंने कहा कि नया शहर बने उसका नया नाम रखा जाए तो बेहतर होगा क्योंकि देश को नए शहरों की ज़रूरत है पुराने शहरों के नाम बदलकर थोड़ी काम चलेगा।

अगर नाम बदलने से ‘रामराज्य’ आता है तो 125 करोड़ जनता का नाम ‘राम’ रख दिया जाना चाहिए : हार्दिक पटेल

उन्होंने कहा कि अब किसी तरह तो शहरों को स्मार्ट बनाया जाए, नाम ही बदलो। महत्वपूर्ण बात यह है, जिस पर कोई गौर नहीं कर रहा है कि इस देश में कम से कम 100-150 नए शहर बनने चाहिए।

आज गांवों से शहरों की ओर पलायन बड़े स्तर पर है। दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई सब जगह ये हैं। आजादी के बाद से मुट्ठीभर शहर बने हैं। एक चंडीगढ़ बना है, नोएडा और गुड़गांव बने हैं। इसी तरह साउथ में एक-दो शहर हैं।

‘1958 में कांग्रेस की जगह BJP होती तो मौलाना आज़ाद के नाम पर कॉलेज-अस्पताल नहीं मूर्ति बनवाती’

बता दें कि योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में तीन शहरों के नाम बदले है। इसके बाद देश में कई शहरों के नाम बदलने को प्रस्ताव सामने आ चुके है जिसमें गुजरात का अहमदाबाद, शिमला का नाम बदलने की बात कहीं गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here