
देश के इतिहास में ऐसा बहुत कम ही हुआ होगा जब देश का प्रधानमंत्री खुद जनसभाओं में झूठ बोलना शुरू कर दें। ऐसा कर दिखाने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बन चुके है जिन्हें चुनाव के वक़्त दलित-पिछड़ा दिखाई देने लगा।
ताजा भाषण मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा का है जहां कांग्रेस को नीचा दिखाने के चक्कर में पीएम मोदी ने सीताराम केसरी को दलित बता दिया है।
दरअसल पीएम मोदी ने अपनी चुनावी भाषणों में कांग्रेस पर निशाना साधने के बहाने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को दलित बता दिया।
उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस को चुनौती दी मैंने उनसे कहा कि नेहरु जी की मेहरबानी है कि चायवाला प्रधानमंत्री बन गया ये क्रेडिट लेने के लिए ऐसी ऐसी चीजें खोज के ले आते है।
क्या प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश की एक सभा में ‘रवीश कुमार’ का लिखा एक भाषण पढ़ सकते हैं?
मेरा सवाल है कि पांच साल के लिए इस परिवार के बाहर के एक व्यक्ति को अध्यक्ष बनाकर के देख लीजिए। देश को पता है कि सीताराम केसरी, दलित, पीडि़त और शोषित समाज से आए हुए व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष पद से कैसे हटाया गया?
कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था? कैसे दरवाजे से निकालकर के उठाकर के फुटपाथ पर फेंक दिया गया था? इसके बाद मैडम सोनिया जी को बैठा दिया गया था।
Make a person outside the Nehru-Gandhi the Congress Party President for five years and I will agree that Pandit Nehru made a 'Chaiwallah' the PM.
India has not forgotten how a stalwart like Sitaram Kesri Ji was treated by one family. pic.twitter.com/f4HC0XJii7
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2018
मगर पीएम मोदी ये भूल गए कि सीताराम केसरी बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर के रहने वाले जोकि दलित बल्कि पिछड़ी जाति से आते थे।
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पीएम मोदी के भाषण से अंदाज़ा लगाया जा सकता है जिस झूठी ख़बर ने आज देश के लोकतंत्र को खतरे में डाल रखा है।
मोदी के भाषण से एक बात साफ होती है कि जब कभी झूठ और जुमलों के इतिहास लिखें जायेंगें उसमें नरेंद्र मोदी का नाम सबसे ऊपर दर्ज किया जायेगा।