पुण्य प्रसून बाजपेयी ने एक बार फिर भारतीय मीडिया के गोदी मीडिया हो जाने को लेकर तंज कसा है। ट्वीटर पर ट्वीट कर पुण्य प्रसून ने अमेरिका में चल रहे सीएनएन रिपोर्टर और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच विवाद की ओर इशारा करते हुए लिखा है कि,

दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में मीडिया सत्ता से टकराता है..दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में मीडिया सत्ता के आगे रेंगने लगता है….वहॉं चुनौती दी जाती है…यहाँ सौदेबाज़ी हो जाती है…?

यह ट्वीट पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भारतीय मीडिया के वर्तमान स्वरूप को ध्यान में रख कर किया है। उनके अनुसार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे पुराने लोकतंत्र की तुलना मीडिया की स्थिति के आधार पर की गई है।

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ट्वीट के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में देश की पत्रकारिता सत्ता से लोहा ले रही है। दूसरी तरफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, यानि भारत में मीडिया ने सत्ता के आगे सिर झुका दिया है।

आपको बता दें कि पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी सत्ता के खिलाफ बोलने के कारण एबीपी न्यूज़ से सरकारी दवाब के चलते इस्तीफा दिया था। पुण्य प्रसून बाजपेयी इस चैनल पर चर्चित प्राइम टाइम शो मास्टर स्ट्रोक के एंकर थे।

यह कार्यक्रम अपनी रिपोर्टों को लेकर काफी चर्चा में रहता था जिसने सरकारी योजनाओं से लेकर प्रधानमंत्री द्वारा रेडियो पर की जानी वाली मन की बात पर झूठ़े सरकारी प्रचार की पोल खोल कर रख दी थी।

बात अगर सीएनएन की करें तो पिछले हफ्ते बुधवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सीएनएन के प्रमुख व्हाइट हाउस संवाददाता जिम अकोस्टा के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। इसे लेकर व्हाइट हाउस ने अकोस्टा के बर्ताव को ‘खराब और अपमानजनक’ करार दिया था। जिसके बाद अकोस्टा का पास निलंबित कर दिया गया था।

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अब खबर है कि सीएनएन ने मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया और आरोप लगाया कि व्हाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति से बहस के बाद रिपोर्टर जिम एकोस्टा के प्रेस पास निरस्त कर संविधान के तहत पत्रकार को दिए गए अधिकारों का हनन है।

समाचार नेटवर्क ने अपने बयान में कहा है कि पास को सीएनएन के प्रमुख व्हाइट हाउस संवाददाता जिम अकोस्टा का प्रेस पास गलत तरीके से निरस्त किया गया है जो कि प्रेस की स्वतंत्रता और अधिकार का उल्लंघन है।

साथ ही बयान में कहा गया है कि हमने अदालत से आदेश पर तत्काल रोक लगाने तथा जिम का पास लौटाने का आग्रह किया है और हम इस प्रक्रिया के तहत स्थाई राहत की मांग करेंगें।

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