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Economy

प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनके राज में देश की अर्थव्यवस्था स्थिर हो गयी है, वो सच ही तो कहते हैं। क्योंकि देश की जीडीपी की विकास दर बढ़ने का नाम ही नहीं ले रही, देश की अर्थव्यवस्था सुधरने का नाम ही नहीं ले रही।

वित्तीय वर्ष-20 की तीसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 4.7 प्रतिशत है, जबकि वित्तीय वर्ष-19 की तीसरी तिमाही में यही दर 5.6 प्रतिशत थी। यानी कि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार की विकास दर 0.9 प्रतिशत कम हुई है।

सुब्रमण्यम स्वामी का खुलासा : GDP का 4.8% भी झूठा आंकड़ा है, असल में 1.5% हो गई है GDP

देश के GDP (Gross Domestic Product) की हालत पर पत्रकार राजदीप सरदेसाई लिखते हैं, एक समाज जो पीछे की ओर जा रहा है, एक अर्थव्यवस्था जो अभी भी मंदी के दौर से गुज़र रही है। #GDP “

ध्यान देने वाली बात है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही की विकास दर 4.5 प्रतिशत आंकी गई थी। सरकार ने इसे रिवाइज करके 5.1 प्रतिशत कर दिया है। इसका मतलब तीसरी तिमाही की विकास दर इसी साल की दूसरी तिमाही से भी कम है। लेकिन इसके बाद भी कुछ मीडिया वेबसाइटस पर लिखा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है।

4.5% GDP पर बोले संजय- संसद में चीख-चीखकर All Is Well कहने वालीं वित्तमंत्री गद्दी छोड़ेंगी?

सवाल उठता है कि निर्मला सीतारमण द्वारा ब्रीफ़केस के बजाए बहीखाता इस्तेमाल करने मात्र से अर्थव्यवस्था कैसे सुधरेगी?

वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के द्वारा ‘गोली मारो’ वाले भाषणों से अर्थव्यवस्था कैसे सुधरेगी? उल्टा अनुराग ठाकुर ने अर्थव्यवस्था को ही गोली मार दी है। जब नेता ही नफरत की राजनीती करेंगे, तो देश का विकास कौन करेगा?

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