कोरोना की दूसरी लहर में लाखों लोग ऑक्सीजन के अभाव में मर गए लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का मानना है कि ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी मौत नहीं हुई है।

केंद्र सरकार के इस बयान के बाद देश के हजारों लोगों को ऑक्सीजन मुहैया कराने वाले सिख समुदाय और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लोग हैरान हैं।

यूपी के गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित गुरुद्वारे के योगदान को शायद ही कोई भुला पाए। हजारों हजार लोग जिनके परिवार के सदस्य ऑक्सीजन के अभाव में जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे।

जब हर तरफ से मदद की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी, वैसे समय में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हजारों लोगों को अपने स्तर से ऑक्सीजन मुहैया कराया था। चारों ओर गुरुद्वारे के इस योगदान की प्रशंसा हो रही थी।

अब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, इंदिरापुरम के सदस्य गुरुप्रीत सिंह ने इस बात पर हैरानी जताई है कि कैसे केंद्र सरकार कहर रही है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से देश में किसी की मौत नहीं हुई है।

गुरुप्रीत सिंह ने कहा कि लोग ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थें. हमने ऑक्सीजन का लंगर लगाया था। लोग एक एक सिलेंडर के लिए लाखों रुपये खर्च करने को तैयार थें लेकिन हमने ऑक्सीजन की सेवा की।

गुरुप्रीत सिंह ने कहा कि हम किसी सरकार के खिलाफ कुछ बोलना नहीं चाहते हैं लेकिन यह बात हर किसी को पता है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी थी।

हम लोगों ने ऑक्सीजन का लंगर गाजियाबाद में लगाया था लेकिन हमारे पास ऑक्सीजन लेने के लिए लोग कहां कहां से नहीं आते थें ! हमने मेरठ, लखनउ, कानपुर तक के लोगों को ऑक्सीजन की सेवा दी।

गुरुप्रीत सिंह ने यह भी कहा कि कई बार ऐसा भी हुआ कि हमने मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। हम चाह कर भी लोगों की जान नहीं बचा पाए।

हमारे पास ऑक्सीजन लेने के लिए 400 किलोमीटर से लोग आया करते थे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गुरुद्वारे की ओर से 14 हजार लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया था।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित गुरुद्वारे के बाहर का वह दृश्य कोई भूल नहीं सकता जब हर जगह ऑक्सीजन के लिए मारामारी मची हुई थी।

गुरुद्वारा परिसर के बाहर ऑक्सीजन लेने वालों की लंबी कतारें लगी हुई थी। कोई कार के अंदर तो कोई ऑटो के अंदर तो कोई गुरुद्वारे के आस पास जमीन पर लेटकर ही मदद ले रहा था और अब सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी।

आप अब भी इंदिरापुरम गुरुद्वारे के बाहर जाकर देख सकता है, उन्हें ऑक्सीजन की परमानेंट पाइप और ऑक्सीमीटर लगा हुआ दिख जाएगा। गुरुद्वारा परिसर के अंदर कई बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर अभी तक रखे हुए हैं।

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